उनके पास कार थी, बांग्ला भी था। सब पार्टियों में बुलाए जाते थे। रईस तथा बड़े आदमी होने के कितने दिन होते हैं, सब उनमें थे। वह बी ए पास थे, मैं एम ए पास था। मैं उनसे भी बढ़कर रईस बन सकता था। उन्होंने बीमा कंपनी की एजेंसी के सब लाभ मुझे समझाए। जिससे मैं इस परिणाम पर पहुंचा की मृत्यु के पश्चात स्वर्ग में और इस संसार में नेतागिरी में जो सुख मिलता है वही इस व्यवसाय में बीमा एजेंट बनने में होता है। मैं एजेंट बना और 6 महीने के भीतर मैंने अपने नगर में ही 25000 का बीमा करा लिया था। एक नवीन एजेंट के लिए या साधारण बात नहीं थी एक दिन मैंने सुना कि मेरे नगर से सहस्त्र मील दूर जमीदार रहते हैं उन्हें अपनी जान का बीमा कराने की बड़ी इच्छा है बीमा एजेंट जब सुनते हैं कि कोई जान का बीमा कराने वाला है तब उनकी वही दशा होती है जो गांधी टोपी देखकर पुलिस की होती है मैंने सोचा कि ज्यादा नहीं तो 10000 का बीमा को ही जाएगा एक टैक्सी एक टैक्सी लिए संध्या को 4:00 बजे घर से निकला सड़क के दोनों और गड्ढे जल से भरे हुए थे जैसे शुभम साहू की तिजोरी जोरिया गाड़ी चलने से कुछ घंटे का चली थी जिसके जिसके नील ने जिस के नींद