आप देख रहे हैं देश के सबसे बड़े चैनल जी हुजूर पर आज तक का सबसे ऊंचा इंटरव्यू हमारे कार्यक्रम टेडी बात में। हम आपकी मुलाकात करा रहे हैं हाल ही में ग्रेस मार्क्स से पास हुई सरकार के माननीय मंत्री पूरक लाल जी से।
पत्रकार : सबसे पहले तो बहुत बहुत बधाई। जुम्मे जुम्मे 8 दिन हुए नहीं हुए और आप की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे।
मंत्री : यह विपक्ष कि हम को बदनाम करने की साजिश है।
पत्रकार : लेकिन जो धन मिला वह विपक्ष तो रखकर नहीं गया न ?
मंत्री : लक्ष्मी तो चलायमान है जी, कहीं से भी आ सकती हैं । मुझे पक्का विश्वास है कि यहां कुबेर की और विपक्ष की मिलीभगत है ।
पत्रकार : लक्ष्मी चलाएं मान है और आपके घर विरोधियों के घर से चल कर आ गई हैं , तो आपने उसे आने से रोका क्यों नहीं ?
मंत्री : भारतीय संस्कृति में अतिथि देवता के समान होता है और जब देवी स्वयं अतिथि बन बन रही हो, तो उन्हें रोकना भारतीय संस्कृति का अपमान होगा । फिर आप ही कहेंगे कहेंगे देखिए यह वही मंत्री है, जो भारतीय संस्कृति का सम्मान नहीं करता भला आती हुई लक्ष्मी को कोई मना करता है क्या ?
पत्रकार : तो आप यह मानते हैं कि लक्ष्मी चलाएं मान हैं और उसे रोका नहीं जा सकता । तो यह बताइए इतना मुश्किल काम कैसे किया, इस चंचला को आप अपने घर में रोक कर रखने में कैसे सफल हो पाए ?
पत्रकार : आरोप यह भी है कि आप की सरकार निकम्मी है।
मंत्री : हमारी सरकार आज तक की सबसे तेज सरकार है। हमने 1 दिन दवाई बिना काम शुरू कर दिया था। तबादले, पोस्टिंग और स्तीफो की लाइन लगा दी थी और आप कहते हैं कि हमारी सरकार निकम्मी है सारे महकामो में हड़कंप मचा हुआ है हर कोई अलर्ट होगा कर काम कर रहा है, कब किस का काम तमाम हो जाए यह डर हम हमने नहीं तो किसने पैदा किया? हम पिछली सरकार की तरह कारण ही नहीं है कि योग्य योग्य को मारने का फीता लेकर बैठे रहे और सालों तक मलाईदार मेरा मतलब महत्वपूर्ण पद खाली पड़े रहे।
पत्रकार : यह तो अच्छी बात है ना कि वह योग्य व्यक्ति को ही पद पर बिठाना चाहते थे।
मंत्री : उनके यहां रह रहा होगा योग्य व्यक्तियों का टोटा। हमारी पार्टी में तो प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं।
पत्रकार : सुना है यह सब आप राजनीति से प्रेरित होकर कर रहे हैं।
मंत्री : कर दी ना अनाड़ी वाली बात हम कौन? राजनेता हम राजनीति से प्रेरित होकर नहीं तो क्या हितोपदेश से प्रेरित होकर काम करेंगे।
पत्रकार : आरोप ये भी है कि आपकी कार विकता एक्सप्रेस इतनी तेजी से दौड़ रही है कि आचार संहिता की पटरिया उच्च तक उखड़ गई है।
मंत्री आदमी की का आचरण ठीक नहीं होना चाहिए फिर भी कोई आचार संहिता आड़े नहीं आती। हम नीति नियमों से परे कुछ नहीं करते। एक भी आदेश आज की तिथि का नहीं है। सब बैक डेट में किए गए है।
मंत्री : यह विपक्ष कि हम को बदनाम करने की साजिश है।
पत्रकार : लेकिन जो धन मिला वह विपक्ष तो रखकर नहीं गया न ?
मंत्री : लक्ष्मी तो चलायमान है जी, कहीं से भी आ सकती हैं । मुझे पक्का विश्वास है कि यहां कुबेर की और विपक्ष की मिलीभगत है ।
पत्रकार : लक्ष्मी चलाएं मान है और आपके घर विरोधियों के घर से चल कर आ गई हैं , तो आपने उसे आने से रोका क्यों नहीं ?
मंत्री : भारतीय संस्कृति में अतिथि देवता के समान होता है और जब देवी स्वयं अतिथि बन बन रही हो, तो उन्हें रोकना भारतीय संस्कृति का अपमान होगा । फिर आप ही कहेंगे कहेंगे देखिए यह वही मंत्री है, जो भारतीय संस्कृति का सम्मान नहीं करता भला आती हुई लक्ष्मी को कोई मना करता है क्या ?
पत्रकार : तो आप यह मानते हैं कि लक्ष्मी चलाएं मान हैं और उसे रोका नहीं जा सकता । तो यह बताइए इतना मुश्किल काम कैसे किया, इस चंचला को आप अपने घर में रोक कर रखने में कैसे सफल हो पाए ?
पत्रकार : आरोप यह भी है कि आप की सरकार निकम्मी है।
मंत्री : हमारी सरकार आज तक की सबसे तेज सरकार है। हमने 1 दिन दवाई बिना काम शुरू कर दिया था। तबादले, पोस्टिंग और स्तीफो की लाइन लगा दी थी और आप कहते हैं कि हमारी सरकार निकम्मी है सारे महकामो में हड़कंप मचा हुआ है हर कोई अलर्ट होगा कर काम कर रहा है, कब किस का काम तमाम हो जाए यह डर हम हमने नहीं तो किसने पैदा किया? हम पिछली सरकार की तरह कारण ही नहीं है कि योग्य योग्य को मारने का फीता लेकर बैठे रहे और सालों तक मलाईदार मेरा मतलब महत्वपूर्ण पद खाली पड़े रहे।
पत्रकार : यह तो अच्छी बात है ना कि वह योग्य व्यक्ति को ही पद पर बिठाना चाहते थे।
मंत्री : उनके यहां रह रहा होगा योग्य व्यक्तियों का टोटा। हमारी पार्टी में तो प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं।
पत्रकार : सुना है यह सब आप राजनीति से प्रेरित होकर कर रहे हैं।
मंत्री : कर दी ना अनाड़ी वाली बात हम कौन? राजनेता हम राजनीति से प्रेरित होकर नहीं तो क्या हितोपदेश से प्रेरित होकर काम करेंगे।
पत्रकार : आरोप ये भी है कि आपकी कार विकता एक्सप्रेस इतनी तेजी से दौड़ रही है कि आचार संहिता की पटरिया उच्च तक उखड़ गई है।
मंत्री आदमी की का आचरण ठीक नहीं होना चाहिए फिर भी कोई आचार संहिता आड़े नहीं आती। हम नीति नियमों से परे कुछ नहीं करते। एक भी आदेश आज की तिथि का नहीं है। सब बैक डेट में किए गए है।
पत्रकार : आपके शासन में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बहुत ही खराब है।
मंत्री : हमने इतने कम समय में इतने काम किए हैं। इतने आर्डर निकालें जितने कभी नहीं निकाले गए और बिना लो और कोई आर्डर होता क्या ? हमारा पूरा फोकस लॉ एंड ऑर्डर पर ही है। लो लाई लाई और ऑर्डर ले आई लाई और ले आई बात करते हैं लॉ एंड ऑर्डर नहीं है।