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हंसो 😀😄🤣 हंसो

मृत्यु के बाद भी, फेसबुक - व्हाट्सएप,मैसेज पढ़ना हो तो.....
"नेत्रदान करें"
"जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी...।"
Mrityu ke baad bhi, Facebook WhatsApp message karna ho to....
"नेत्रदान Karen"
"Zindagi ke saath bhi, Zindagi ke baad bhi..."
अध्यापक: बहुवचन किसे कहते हैं?
पप्पू: बहु अपने ससुराल वालों को खरी-खोटी सुनाती है, तो उसे बहुवचन कहते हैं।
अध्यापक जी बेहोश होते-होते बच्चे।
Teacher:
bahuvachan kise kehte hain ?
Pappu:
jab bahu Apne sasural walo ko khari khoti sunati hai, to use bahuvachan kehte hain.
Ek सत्संग ke dauran :
संता प्रवचन करते हुए... Jo is janam mein Nar hai,  वह अगले जन्म में भी नही होगा और जो इस जन्म में नारी है, वह अगले जन्म में भी नारी हो होगी,
Itne mein ek buddhi mahila utkarsh Jane lagi.
Santa :
कहां जा रही हो ऐसे उठकर ?
बूढ़ी महिला :
Jab agli janm main bhi rotiya hi banani hai to satsang sun kar kya fayda.
मास्टर जी :
अगर पृथ्वी के अंदर लावा है, Tu bahar kya hai ?
Sanju :
मास्टर जी बाहर ओप्पो और वीवो है ।
घोर सन्नाटा....
अध्यापक :
बताओ बच्चों, Vaskodigama Bharat kab aaya ?
Tillow :
जी सर्दियों में आया था
अध्यापक - pagal hai kya? kisne Kaha ?
Tillow - अध्यापक आप की कसम, मैंने फेसबुक में फोटो देखी थी उसने कोट पहन रखा था !



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एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

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