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Hindi shayari iss saal ki chuttiyon Ka plan hindishayarih.in

१) एक दोस्त: इस साल छुट्टियों का क्या प्लान है?
दूसरा दोस्त: कुछ खास नहीं, पिछले साल यूरोप नहीं गए थे इस साल अमेरिका नहीं जाएंगे।


२) एक लड़की को अनजान नंबर से फोन आया।
लड़का -  हेलो!
लड़की - कौन हो तुम?
लड़का - मेरी बात तो सुनो !
लड़की - मुझे कुछ नहीं सुनना, मैं शादीशुदा हूं
और मेरे पास बहुत अच्छा पति है!
लड़का - वह पति मेरे पास है! मैं थाने से बोल रहा हूं। अपने पति को ले जाओ, लड़की छेड़ता पकड़ा गया है। 藍


३) पति पेप्सी को सामने रखकर दास बैठा था।
पत्नी आई और पेप्सी पी गई और बोली आज आप उदास क्यों हैं?
पति : आज तो दिन ही खराब है। सुबह तुमसे झगड़ा हो गया, रास्ते में कार खराब हो गई। ऑफिस लेट पहुंचा, बॉस ने नौकरी से निकाल दिया। अब सुसाइड करने के लिए पेप्सी में जहर मिलाया था, वह भी तो पी गई। 藍




४) टीचर: चलो बताओ 4 और 4 कितने होते हैं?
रामू : 10 होते हैं......
टीचर : 8 होते हैं ..... नालायक
रामू : मैं बहुत दिलदार घर से हूं, दो मैंने अपने खुद से भी डाले हैं। 藍




1)Ek dost : is saal chuttiyon ka kya plan hai ?
Dusra dost : Kuch khaas Nahin, pichle saal Europe Nahin gaye the is baar America nahi jayenge.



2)Ek ladki ko anjaan number se phone aaya !
Tadka - hello
Ladki - kaun ho tum ?
Ladka - meri baat to suno
Ladki - mujhe kuch nahi sunna main shadi shuda hoon aur mere paas bahut accha Pati hai !
Ladka - Wo pati hamare paas hai ! main Thane se bol raha hoon Apne pati ko le jao ladki chhedta pakda gaya hai.




3) Pati : Pepsi ko samne Rakh kar baitha tha.
Patni aur Pepsi pee gayi aur boliye aaj aap bahut udas kyun hai ?
Pati : aaj to din hi kharab hai. Subah tumse jhagda ho Gaya, raste mein kal kharab ho gayi.
Office late pahuncha, boss ne Naukri se nikal Diya.ab suicide karne ke liye Pepsi jahar milaya tha, Wo bhi tum bhi gayi .





4) Teacher : chalo batao char char kitne hote Hain ?
Ramu : 10 hote Hain .....
Teacher : 8 hote hain ... nalayak
Ramu : main bahut dildar Ghar se hoon, do main Apne khud se bhi dale hai .






Ek shayari


लिखना था कि
खुश है तेरे बगैर भी यहां हम
मगर कमबख्त....
आंसू है कि कलम से पहले ही चल दिए।




Likhna tha ki
Khush hai tere bagair bhi yahan hum
Magar kambakht
Aansu hai ki kalam se pahle ki chal diye.




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