आमतौर पर तमिलनाडु के लोग अपने लंच के लिए कोजुम्बू व्यंजनों की विभिन्न किस्मों को बनाना पसंद करते हैं । कई घरों में हफ्ते में कम से कम 7 किस्म के कोजुम्बू बनाए जाते हैं। इनमें से एक है, बैगन से तैयार कोजुम्बू, जिसका अलग ही स्वाद होता है। और हां, इसे बनाना भी आसान है
कतरीकाय कारै कोजुम्बू, यह मेरे पिता की बैचलर स्टाइल रेसिपी है। जब मैं छोटी थी, मेरी पिता काम के सिलसिले में 2 साल के लिए मुंबई में थे। वह अपने कुछ दोस्तों के साथ वहां बैचलर रूम में रहते थे। उसी दौरान उन्होंने अपने दोस्तों से कुछ सरल व्यंजनों को सीखो और खाना बनाना शुरू किया।
जब भी वह छुट्टियों में घर आते, हमारे लिए पसंद का खाना जरूर बनाते। मैं और मेरी बहन अप्पा की कुकिंग को ज्यादा पसंद करते थे, क्योंकि मम्मी की रूटीन खाने से छुटकारा मिल जाता था, कुछ अलग खाने को मिलता था।
मेरे अप्पा रसम और कारै कोजुम्बू बहुत अच्छे बनाते थे। यह सुबह की व्यस्तता के बीच बहुत जल्दी तैयार होने वाली आसान रेसिपी है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको कुछ भी अलग से पीसने की जरूरत नहीं है, इसलिए मैंने इसका बैचलर नुस्खा के रूप में उल्लेख किया है। इसे तैयार करने के लिए मैंने अपने पिता की रेसिपी का अनुसरण किया है।
मेरे अप्पा मुझे हमेशा इमली के रस में मसाला पाउडर और नमक मिलाने के बाद चखने के लिए देते थे, क्योंकि इस पानी से ही कोजुम्बू का स्वाद नहीं होता है। भले ही सामग्रियों सूची देखने में कुछ बड़ी लगे, लेकिन इसे रेसिपी को तैयार करने में लगभग 20 मिनट ही लगते हैं। मैंने बैगन (कतरीकाय) व साबुत लहसुन का इस्तेमाल किया है। अधिक स्वाद के लिए सहजन भी मिलाया जा सकता है।
सांभर पाउडर, लाल मिर्च पाउडर धनिया पाउडर का मिश्रण कोजुम्बू के ग्रेवी को बहुत गाढ़ा बनाते हैं। अच्छे स्वाद के लिए तिल का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।
सामग्री
इमली - स्वादानुसार
मध्यम आकार के बैगन -4
सांभर पाउडर - डेढ़ बड़ा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर -एक बटे दो छोटे चम्मच
धनिया पाउडर एक चम्मच
हल्दी पाउडर -1/4 चम्मच
गुड - एक चम्मच
नमक और पानी आवश्यकतानुसार
इमली - स्वादानुसार
मध्यम आकार के बैगन -4
सांभर पाउडर - डेढ़ बड़ा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर -एक बटे दो छोटे चम्मच
धनिया पाउडर एक चम्मच
हल्दी पाउडर -1/4 चम्मच
गुड - एक चम्मच
नमक और पानी आवश्यकतानुसार
तड़के की सामग्री
तिल का तेल - 4 बड़ा चम्मच
साबूत सरसों - एक चम्मच
साबुत मेथी - 1/2 चम्मच
उड़द की दाल - एक चम्मच
जीरा - 1 चम्मच
चना दाल -1 चम्मच
हींग - एक चुटकी
दो लाल मिर्च, कुछ करी पत्ते, लहसुन की 8 से 10 कलियां
एक बड़ा प्याज (बारीक कटा हुआ)
टमाटर -2 (कटे हुए)
तिल का तेल - 4 बड़ा चम्मच
साबूत सरसों - एक चम्मच
साबुत मेथी - 1/2 चम्मच
उड़द की दाल - एक चम्मच
जीरा - 1 चम्मच
चना दाल -1 चम्मच
हींग - एक चुटकी
दो लाल मिर्च, कुछ करी पत्ते, लहसुन की 8 से 10 कलियां
एक बड़ा प्याज (बारीक कटा हुआ)
टमाटर -2 (कटे हुए)
विधि
इमली का रस तैयार करने के लिए इमली को डेढ़ कप पानी में 10 मिनट के लिए भिगा दें। फिर मैश करके इसे छान लें। ऊपर दिए गए सभी मसालों को इस पानी में मिलाएं। बैगन को चाट रूम कटिंग और इसे पानी में डुबो कर रखें, ताकि इसका रंग खराब ना हो।
इमली का रस तैयार करने के लिए इमली को डेढ़ कप पानी में 10 मिनट के लिए भिगा दें। फिर मैश करके इसे छान लें। ऊपर दिए गए सभी मसालों को इस पानी में मिलाएं। बैगन को चाट रूम कटिंग और इसे पानी में डुबो कर रखें, ताकि इसका रंग खराब ना हो।
प्याज को बारीक काटें और लहसुन छील लें। अब एक कड़ाही में तेल गरम करें और तड़के की सारी सामग्री को उसमें डाल दें। सरसों के चटकते ही सारी सामग्री को मिलाएं और आंच को माध्यम कर ले। फिर इसमें प्याज, लहसुन की कलियां और करी पत्ते डालें। सुनहरा होने तक भूनें।
अब इसमें बैगन के टुकड़ों को डालें, कुछ देर पकने दें, फिर टमाटर के टुकड़ों को मिलाएं। मुलायम होने तक इसे भूनें। इसके बाद इमली का रस मिलाएं। गुरुवा आधा कप पानी डालकर इसे ढक दे, बैगन के पकने तक। आम तौर पर इसमें 8-10 मिनट लगते हैं।
इस दौरान आज मध्यम ही रखें। अगर इसमें पानी कम लगे, तो जरूरत के हिसाब से और पानी बना सकते हैं। ग्रेवी के गाढ़ा होते ही इसे चूल्हे से उतारे। अब इसमें एक बड़ा चम्मच तिल का तेल और कुछ करी पत्ते मिला कर ढक दें। आधे घंटे बाद सादे चावल के साथ परोसे।