सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Bigg Boss 13: हिमांशी के प्यार में डूब चुके हैं आसिम, बेड शेयरिंग के बाद खुलेआम कर रहे KISS


'बिग बॉस' (Bigg Boss 13) में सिद्धार्थ और देवोलीना के बाद अब एक और जोड़ी प्यार में डूब चुकी है। इस जोड़ी का नाम है हिमांशी खुराना और आसिम रियाज। हिमांशी और आसिम के बीच नजदीकियां लगातार बढ़ती जा रही हैं जो कि शो में साफ नजर आ रहा है। यहां तक कि शेफाली और हिमांशी के साथ आसिम रियाज बेड भी साझा करते हैं। इस बीच शो के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि कई बार आसिम रियाज हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) को किस करते हुए नजर आए।


आसिम और हिमांशी सिद्धार्थ शुक्ला की टीम में थे। सिद्धार्थ से झगड़ा होने के बाद आसिम की बातचीत हिमांशी से बढ़ने लगीं। यहां तक कि आसिम ज्यादातर शेफाली और हिमांशी के साथ ही देखे जाने लगे। आसिम अपने दिल की बात शेफाली को पहले ही बता चुके थे। वहीं हाल ही में टेलीकास्ट हुए एपिसोड में उन्होंने हिमांशी से भी अपने प्यार का इजहार किया।

हिमांशी ने आसिम की बात सुनते ही कहा कि वह पहले से ही रिश्ते में बंधी हुई हैं। हालांकि आसिम ने कहा कि वह सब कुछ जानते हैं। 27 नवंबर को टेलीकास्ट हुए एपिसोड में आसिम हिमांशी को जन्मदिन की बधाई दी। इसके साथ ही उन्हें गले लगाया और किस भी किया। शो खत्म होने के बाद एक प्रोमो दिखाया गया था जिसमें आसिम हिमांशी के बार-बार किस करते हुए नजर आए थे।


यह शो 28 नवंबर को टेलीकास्ट होगा जिसमें आसिम खुलेआम बात बात पर हिमांशी को किस करते नजर आए। आसिम कई बार हिमांशी से शो में कह चुके हैं कि उन्होंने उनसे ज्यादा सुंदर लड़की अब तक नहीं देखी है। वो सामने होती हैं तो उन्हें कुछ भी सूझता नहीं है। अगर सामने नहीं होती तो आंखें उन्हें ही ढूंढती हैं।


खास बात है कि आसिम के हिमांशी के प्रति झुकाव को सभी घरवाले महसूस कर रहे हैं। यहां तक कि जब सिद्धार्थ ने आसिम को ड्यूटी दी तो आसिम ने कहा कि कोई और दे दो ये ज्यादा हो जाएगा। जवाब में सिद्धार्थ ने कहा था- 'हिमांशी कैप्टन थी तो तुमने बहुत काम किया था। अब क्या हो गया?' इस पर आसिम ने कहा- 'मैं तेरी कप्तानी में भी ड्यूटी करूंगा।'

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे