जब ये कहानी शुरू हुए थी तो पता नहीं था की इतनी लंबी लिखी गयी होगी। पता भी कैसे होता आजतक वही कहानी देखी और सुनी थी जो दो से तीन पन्नो मे सिमट के रह जाती थी। पता नहीं भगवान ने ये कहानी किस स्याही से लिखी थी जो कभी कभी फीकी तो पड़ी पर खत्म नही हुई॥
वो लिखते ही रहे... कभी खुशी... कभी लड़ाई... कभी दूरी... अगले पल की नजदीकी... सब लिखा था इस कहानी में।
0शाश्टां कहानी थी ये... लड़का- लड़के एक 5026 नेटवर्किंग साइट पर मिलते छ् . बातें शुरू हो जाती है .. ८४०४ 007 से दोस्ती फोन तक पहुँच जाती है... फोन पर बातें होती है... मिलना होता है... लड़का प्यार का इज़हार करता है... लड़की हाँ बोल देती है... प्यार हो जाता है... मिलना होता है... प्यार बढ़ता जाता है... बढ़ता जाता है और बस,, बढ़ता ही जाता है.....
बहुत सोच-समझकर लिखे गयी कहानी थी... सभी किरदार और घटनाएँ एकदम सधे और बंधे हुए... कोई 4 साल या 2 साल के बचकाना प्यार की नही 7 साल वाले सच्चे प्यार की कहानी थी...
ऐसा नही था कि इस कहानी के कोई समस्या नहीं थी। समस्या तो बहुत थी पर दोनों साथ मिलकर समाधान निकाल ही लेते थे। कभी लड़का समझदार बनकर समाधान दढूँढ लेता तो कभी लड़की जिम्मेदार बनकर सब संभाल लेती... सभी को लगता था कि ये दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने है। लगता तो उन्हे भी यही था पर परिवार के मोह और ज़िम्मेदारी के कारण कभी बोल नही पाये। कभी खुद को तो कभी अपने दोस्तों को समाज, जात और माता-पिता का वास्ता देकर समझा लेते। वो जानते थे कि वो गलत कर रहे है पर समझ कि बेड़ियों मे खुद को इतना बांध लिया कि इस गलत को सही मानने लगे...
प्यार कमजोर पड़ गया। कलम कि स्याही खत्म होने लगी थी... अंत तक भी एक कोशिश थी जो खत्म न हुई.. लड़की ने बड़े प्यार से लड़के से पूछा...
लड़की- सुनो
लड़का- हाँ कहो न
लड़की- उम्मीद है?
लड़का- नहीं
लड़की- 1% भी नहीं
लड़का- नहीं
हम्म...... बस इतना ही बोल पायी वो... पहले से जानती थी जवाब पर किस्मत आज़माना किसे नही पसंद... क्या पता तुम्हारे सवालों और इरादों से बदल जाये... पर यहाँ किस्मत बदलने का मतलब परिवार को दांव पर लगाना था शायद...
वो दोनों इस किस्मत के खेल के आगे हार चुके थे... दम तोड़ चुके थे... कुछ ज़िंदा था तो उनका प्यार... कोशिश की थी उन्होने पर वो न मारा... मरता भी कैसे कमजोर नहीं था वो... वादों से सींचा गया था... कमबख्त इस दम तोड़ती जिंदगी से एक वादा ले गया... हमेशा साथ रहने का... हर पल हर मोड पर एक दूसरे का साथ निभाने का...
स्याही सूख से गयी थी ओर हाथ थक गए थे पर उसने लिखना बंद न किया... आखिर ऐसा प्यार बार बार थीड़ी न लिखा जाता है..