सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

स्टेज पर रोईं आलिया भट्ट, ऋषि कपूर ने किया फांसी देने का समर्थन, पांच खबरें


बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट एक इवेंट के दौरान मंच पर इमोशनल हो गईं। आलिया अपनी बहन शाहीन भट्ट के साथ मुंबई में आयोजित हुए एक वुमेन सेमिनार में शामिल हुई थीं। इस दौरान वो बात करते हुए अपने आंसू नहीं रोक पाईं। इवेंट में आलिया अपनी बहन शाहीन के डिप्रेशन बारे में बात कर रही थीं। इस दौरान वो अपनी बात कहते हुए अचानक इमोशनल हो गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं। ये देखकर शाहीन ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की लेकिन वो भी खुद को रोने से नहीं रोक पाईं।


तेलंगाना के हैदराबाद में 27 साल की एक पशु चिकित्सक के साथ रेप के बाद हत्या की घटना झकझोर कर रख दिया है। इस घटना को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। बॉलीवुड स्टार्स भी इस घटना पर लगातार अपना गुस्सा जता रहे हैं। अक्षय कुमार, सलमान खान, वरुण धवन जैसे बड़े स्टार्स अरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर चुके हैं। अब अभिनेता ऋषि कपूर ने अरोपियों को फांसी देने का समर्थन किया है।


मराठी इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री और डांसर सारा श्रवण को पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। सारा पर 15 लाख रुपये की जबरन वसूली करने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी मुंबई से हुई है। लोग सारा श्रवण को सारा सोनवणे के नाम से भी जानते हैं।



तेलंगाना के हैदराबाद की डॉक्टर से हुई हैवानियत के मामले में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। देशभर में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। बॉलीवुड हस्तियां भी जनता के सुर में सुर मिलाकर अपना गुस्सा जाहिर कर रही हैं। इस बीच फिल्म कबीर सिंह के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने भी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।



ऋतिक रोशन की फिल्म 'वार' देखकर दीपिका पादुकोण ने कही ये बात, वायरल हो गया ट्वीट
ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म वॉर बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। वॉर साल 2019 की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म बन गई है। इस फिल्म में ऋतिक की दमदार परफॉर्मेंस ने दर्शकों को काफी इम्प्रेस किया है। इस बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने फिल्म को देखने के बाद अभिनेता की तारीफ की है।




इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे