Best Shayari Dushyant kumar sher collection 2020 shayari hindi
दुष्यंत कुमार की ग़ज़लों से चुनिंदा शेर
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को संभालो यारो
देखे हैं हम ने दौर कई अब ख़बर नहीं
पांव तले ज़मीन है या आसमान है
एक बूढ़ा आदमी है मुल्क में या यूं कहो
इस अंधेरी कोठरी में एक रौशन-दान है
जिस ने नज़र उठाई वही शख़्स गुम हुआ
इस जिस्म के तिलिस्म की बंदिश तो देखिए
हम ने सोचा था जवाब आएगा
एक बेहूदा सवाल आया है
बहुत क़रीब न आओ यक़ीं नहीं होगा
ये आरज़ू भी अगर कामयाब हो जाए
पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं
कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं
ऐसा लगता है कि उड़ कर भी कहां पहुंचेंगे
हाथ में जब कोई टूटा हुआ पर होता है
यों मुझको ख़ुद पे बहुत ऐतबार है लेकिन
ये बर्फ आंच के आगे पिघल न जाए कहीं
मूरत संवारने से बिगड़ती चली गई
पहले से हो गया है जहां और भी ख़राब