ओट्स यानि जौ का दलिया, जो बाजार में अलग-अलग तरह से कई फ्लेवर्स में उपलब्ध है। सामान्यत: ओट्स के सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, नाश्ते में नियमित ओट्स के सेवन से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम होता है। हालांकि इससे पहले भी कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हो चुका है कि ओट्स ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कम करता है, लेकिन इस नए शोध में बताया गया है कि किस तरह से नाश्ते में आमतौर पर खाए जाने वाले सफेद ब्रेड, अंडे और दही से ज्यादा फायदेमंद ओट्स है।
यह नई शोध 'स्ट्रोक' नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने डेनमार्क के 55,000 वयस्कों पर अध्ययन किया, जिनकी औसत उम्र 55 साल थी। अध्ययन में शामिल इन व्यस्कों को पहले से ब्रेन स्ट्रोक जैसी कोई समस्या नहीं थी। शुरुआत में हर हफ्ते प्रतिभागियों को 2.1 सर्विंग अंडों की दी गई, 3 सर्विंग सफेद ब्रेड की दी गई, 1 सर्विंग दही की दी गई और 0.1 सर्विंग ओट्स की दी गई।
शोधकर्ताओं ने आधे से ज्यादा प्रतिभागियों की 13.4 सालों तक निगरानी की। इस निगरानी के दौरान 2,260 लोगों को ब्रेन स्ट्रोक हुआ लेकिन जिन लोगों ने सफेद ब्रेड या अंडे की एक सर्विंग की जगह ओट्स खाया उनमें ब्रेन स्ट्रोक का खतरा चार फीसदी तक कम पाया गया। वहीं, दही खाने पर ब्रेन स्ट्रोक के खतरे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इस शोध के हिस्सा रह चुके शोधकर्ता क्रिस्टीना दहम ने कहा कि हमारे शोध से यह पता चलता है कि अगर ज्यादा अंडे और सफेद ब्रेड की जगह नाश्ते में ओट्स का सेवन करें तो बड़ी संख्या में लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम होगा।
शोधकर्ता क्रिस्टीना के मुताबिक ओट्स के सेवन से शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है। कोलेस्ट्रॉल इस्केमिक ब्रेन स्ट्रोक का प्रमुख कारक है। ये ब्रेन स्ट्रोक तब होते हैं जब एक खून का थक्का दिमाग तक खून ले जाने वाली धमनियों को बाधित कर देता है।
अगर नियमित रूप से ओट्स का सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने से ब्रेन स्ट्रोक के खतरे में भी कमी आती है। इसके अलावा ओट्स शरीर में उपस्थित अतिरिक्त वसा को भी कम करता है।