Movie Review: गुड न्यूज
कलाकार: अक्षय कुमार, करीना कपूर खान, दिलजीत दोसांझ, कियारा आडवाणी, आदिल हुसैन, टिस्का चोपड़ा, गुलशन ग्रोवर आदि।
निर्देशक: राज मेहता
निर्माता: हीरू यश जौहर, अरुणा भाटिया, करण जौहर, अपूर्व मेहता व शशांक खेतान
हिंदी फिल्म जगत के तीनों खान के आसपास ही बड़े परदे पर दर्शकों का मनोरंजन करने की सौगंध खाई राजीव हरिओम भाटिया उर्फ अक्षय कुमार ने। खान सितारों का जिक्र यहां इसलिए क्योंकि अक्षय कुमार ने इन तीनों सितारों से बेहतर करियर प्लानिंग की और एक तरफ जहां तीनों खान सितारे अपने करियर को लेकर पिछले कुछ साल से लगातार जूझ रहे हैं, अक्षय कुमार अपनी उम्र के हिसाब से किरदार चुनते हुए लगातार अपनी स्थिति मजबूत करते जा रहे हैं। केसरी, मिशन मंगल और हाउसफुल 4 के बाद गुड न्यूज उनकी इस साल की चौथी फिल्म है और गुड न्यूज ये है कि उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के धमाके से शुरू हुआ हिंदी सिनेमा का ये साल एक कामयाब फिल्म के साथ समापन की ओर बढ़ चला है।
गुड न्यूज हिंदी सिनेमा में कथानक आधारित फिल्मों के दम लगाके हईशा और विकी डोनर से शुरू हुए चलन का सुपर वर्जन है। इसमें कहीं छोटे शहर या औसत परिवारों वाला रोना धोना नहीं है। कहानी जरूर उसी श्रेणी की है लेकिन सुपर सितारों की फिल्म में मौजूदगी ने फिल्म को आयुष्मान और राजकुमार राव वाली श्रेणी से निकालकर सीधे ठेठ मुंबईया फिल्म बना देती है। मालदार परिवार के दिखते दीप्ति और वरुण अपनी जिंदगी में मस्त हैं। बस कमी है एक बच्चे की। कई साल से जारी कोशिश जब गुड न्यूज नहीं ला पाती है तो दोनों फैसला करते हैं विज्ञान का सहारा लेने का। दोनों टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए अस्पताल जाते हैं। दीप्ति गर्भवती होती है और तभी पता चलता है कि दीप्ति के गर्भ में जो बच्चा पल रहा है उसका पिता वरुण नहीं कोई और है। कोई और वाला ये बंदा हनी है और मोनिका का पति है। ये दोनों भी उसी अस्पताल में टेस्ट ट्यूब बेबी पाने आते हैं जहां वरुण और हनी के वीर्य आपस में बदल जाते हैं। कारण बताया जाता है दोनों का उपनाम बत्रा एक जैसा होना।
अब शुरू होती है फिल्म की असली कहानी जिसमें अक्षय कुमार और करीना कपूर के साथ ही दिलजीत दोसांझ और कियारा आडवाणी ने अपनी अदाकारी के अच्छे रंग भरे हैं। हाउसफुल 4 में अतिरंजना के शिकार हुए अक्षय कुमार ने इस बार अपनी चिर परिचित कॉमेडी का करिश्मा फिर से पा लिया है। ये वो करिश्मा है जिसने उनकी हेराफेरी सीरीज की फिल्मों से बड़ा दर्शक बाजार बनाया है। अक्षय कुमार ने यहां न अपनी उम्र छुपाने की कोशिश की और न ही किसी दूसरे कलाकार के किरदार पर कैंची चलाने की। निर्माता करण जौहर की फिल्मों में ऐसा करने की आजादी किसी कलाकार को वैसे भी नहीं होती है।
52 साल के अक्षय कुमार का फिल्म में बखूबी साथ दिया है 39 साल की करीना कपूर ने। दोनों ने अपनी उम्र के हिसाब से ये किरदार चुने हैं। दीप्ति के किरदार में करीना कपूर एक संपन्न परिवार की सदस्य दिखने के साथ साथ मां बनने की लालसा में परेशान महिला के किरदार के साथ पूरा न्याय करती हैं। आगे चलकर उनकी दिलजीत दोसांझ और कियारा आडवाणी के साथ केमिस्ट्री भी खूब जमती है। फिल्म में सबसे मजेदार लम्हे तब आते हैं जब चारों एक साथ परदे पर होते हैं। अर्जुन पटियाला में रंग जमाने से चूके दिलजीत ने इस बार दर्शकों का दिल जीता और कलंक व कबीर सिंह में लाइमलाइट से चूंकी कियारा का जादू भी यहां खूब जमा है।
करण जौहर ने अपनी इस फिल्म के लिए इस बार फिर नया निर्देशक लिया और राज मेहता ने फिल्म को इसकी पटकथा के काफी करीब रखने की कोशिश भी की। ज्योति कपूर और ऋषभ शर्मा ने एक चुस्त पटकथा लिखकर ये साबित भी किया कि कॉमेडी फिल्मों में सिर्फ कहानी का दायरा तय करना ही काफी नहीं होता, दायरे के भीतर रहकर किरदारों को जीवंत बनाए रखने की चुनौती पर भी आखिर सीन तक खरा उतरना होता है। ज्योति और ऋषभ दोनों ही इस फिल्म के असली हीरो हैं। राज मेहता का निर्देशन औसत है, उन्हें कहानी की परतों को बेहतर तरीके से निखारने की मेहनत आगे की फिल्मों में करनी होगी।
फिल्म चूंकि बत्राओं की कहानी है तो जाहिर है इसमें पंजाबी संगीत ठूंस ठूंसकर भरा गया है। यह सही है कि हिंदी सिनेमा का कारोबार पंजाब और पंजाब से निकलकर दुनिया भर में फैल चुके पंजाबी दर्शकों पर काफी कुछ निर्भर करता है लेकिन गाने थोड़े और देसी हो सकते थे। विष्णु राव की सिनेमैटोग्राफी फिल्म को इसकी पटकथा के हिसाब से रंगीन रखती है, हां मनीष मोरे का संपादन कही कहीं फिल्म को ढील दे देता है। कुल मिलाकर फिल्म इस वीकएंड का अच्छा टाइप पास है। अमर उजाला के मूवी रिव्यू में फिल्म गुड न्यूज को मिलते हैं तीन स्टार।