सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Redmi Note 7 Pro को मात्र ₹199 में खरीदने का मौका, जानें कैसे






नई दिल्ली, टेक डेस्क। चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Xiaomi का हैंडसेट Redmi Note 7 Pro यूजर्स के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसके लॉन्च होने के इतने समय बाद भी यूजर्स इस फोन को खरीद रहे हैं। इस फोन को ई-कॉमर्स वेबसाइट Flipkart से बेहद कम कीमत में खरीदा जा सकेगा। इस फोन के दोनों वेरिएंट्स पर 5,000 रुपये तक का फ्लैट डिस्काउंट और 10,800 रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर दिया जा रहा है। इसके साथ ही कई अन्य ऑफर्स भी दिए जा रहे हैं।

Xiaomi Redmi Note 7 Pro की कीमत और ऑफर्स: इस फोन के 4 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट को 15,999 रुपये (MRP) के बजाय 10,999 रुपये में खरीदा जा सकता है। इस पर 5,000 रुपये तक का फ्लैट डिस्काउंट दिया जा रहा है। साथ ही 10,800 रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर भी दिया जा रहा है। पूरी एक्सचेंज वैल्यू मिलने के बाद यह फोन मात्र 199 रुपये में खरीदा जा सकता है। इसके साथ ही Flipkart Axis क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर यूजर्स को 5 फीसद का अनलिमिटेड कैशबैक दिया जाएगा। वहीं, Axis बैंक बज क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर यूजर्स को 5 फीसद का ऑफ दिया जाएगा।

इस फोन के 6 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट को 16,999 रुपये (MRP) के बजाय 12,999 रुपये में खरीदा जा सकेगा। इस पर 4,000 रुपये का फ्लैट डिस्काउंट उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही 10,800 रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर भी दिया जा रहा है। पूरी एक्सचेंज वैल्यू मिलने के बाद यूजर्स को यह वेरिएंट मात्र 2,199 रुपये में मिल सकता है।

इसके 6 जीबी रैम और 128 जीबी स्टोरेज वेरिएंट की बात करें तो 17,999 रुपये (MRP) के बजाय 14,999 रुपये में खरीदा जा सकेगा। इस पर 3,000 रुपये का फ्लैट डिस्काउंट उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही 10,800 रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर भी दिया जा रहा है। पूरी एक्सचेंज वैल्यू मिलने के बाद यूजर्स को यह वेरिएंट मात्र 4,199 रुपये में मिल सकता है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...