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ये शेर बताते हैं क्यूं हर दिल अज़ीज़ हैं जौन एलिया


ये मुझे चैन क्यूं नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या


जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है


नया इक रिश्ता पैदा क्यूं करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम


बेदिली क्या यूं ही दिन गुज़र जाएंगे
सिर्फ़ ज़िंदा रहे हम तो मर जाएंगे


कितने दिलकश हो तुम कितना दिलजूं हूं मैं
क्या सितम है हम लोग मर जाएंगे


कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे


बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या


तुझ को क्या हो गया कि चीज़ों को
कहीं रखता है ढूंढ़ता है कहीं


क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं


उसकी गली से उठके मैं आन पड़ा था अपने घर
एक गली की बात थी और गली-गली गयी


मैं भी बहुत अजीब हूं इतना अजीब हूं कि बस
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं


कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया


इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ
वगरना यूं तो किसी की नहीं सुनी मैं ने


ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में


चारासाज़ों की चारासाज़ी से दर्द बदनाम तो नहीं होगा
हां दवा दो मगर ये बतला जो मुझे आराम तो नहीं होगा


मुझ को आदत है रूठ जाने की
आप मुझ को मना लिया कीजे


मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं


ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गंवाने का


यूं जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या


कोई मुझ तक पहुंच नहीं पाता
इतना आसान है पता मेरा

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