सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Delhi Forest Guard भर्ती 2020: दिल्ली में 10वीं 12वीं पास के लिए फॉरेस्ट "Delhi Forest Guard भर्ती 2020" गार्ड की बंपर भर्तियां, 10 खास बातें



"Delhi Forest Guard Recruitment 2020" : दिल्ली सरकार फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ (वन एवं वन्यजीव) विभाग में फॉरेस्ट गार्ड, फॉरेस्ट रेंजर और वाइल्डलाइफ गार्ड के कुल 226 रिक्त पदों को भरने जा रही है। इसके लिए योग्य व इच्छुक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 13 फरवरी 2020 है। पदों का विवरण, योग्यता और आवेदन प्रक्रिया से संबंधित अधिक जानकारी के लिए नीचे पढ़ें...


पदों का विवरण
1. फॉरेस्ट रेंजर, पदः 04 (अनारक्षितः 03)

योग्यताः विज्ञान के विषयों से ग्रेजुएशन की डिग्री या इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए।
- पुरुष अभ्यर्थियों की लंबाई कम से कम 163 सेंटीमीटर और महिला अभ्यर्थियों की कम से कम 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

- कुछ राज्यों के आरक्षित वर्ग मसलन आदिवासी, जनजातीय समूहों को लंबाई में छूट मिलेगी। पुरुषों की लंबाई 152 सेंटीमीटर और महिलाएं की 145 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

- शारीरिक दक्षता परीक्षा में चार घंटे में पुरुष अभ्यर्थियों को 25 किलोमीटर और महिला अभ्यर्थियों को 16 किमी पैदल चलना होगा।

उम्र सीम: अधिकतम 30 वर्ष।
वेतनमानः 35,400 से 1,12,400 रुपये। ग्रेड पे 06 के अनुसार।



2. फॉरेस्ट गार्ड, पदः 211 (अनारक्षितः 88)
योग्यता: मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी। हिन्दी और अंग्रेजी की जानकारी होनी चाहिए।
- पुरुष अभ्यर्थियों की लंबाई कम से कम 163 सेंटीमीटर और महिला अभ्यर्थियों की कम से कम 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
- कुछ राज्यों के आरक्षित वर्ग मसलन आदिवासी, जनजातीय समूहों को लंबाई में छूट मिलेगी। पुरुषों की लंबाई 152 सेंटीमीटर और महिलाएं की 145 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
- शारीरिक दक्षता परीक्षा में चार घंटे में पुरुष अभ्यर्थियों को 25 किलोमीटर और महिला अभ्यर्थियों को 16 किमी पैदल चलना होगा।
उम्र सीम: न्यूनतम 18 वर्ष, अधिकतम 27 वर्ष।
वेतनमानः 5,200 से 20,200 रुपये। ग्रेड पे 2000 रुपये।



3. वाइल्डलाइफ गार्ड, पदः 11 (अनारक्षितः 04)
योग्यता: मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10वीं पास होना जरूरी।
उम्र सीम: न्यूनतम 18 वर्ष, अधिकतम 27 वर्ष।
वेतनमानः 18,000 से 56,900 रुपये।



4. सूचना: आयु की गणना 13 फरवरी 2020 के आधार पर की जाएगी। उम्र सीमा में ओबीसी के अभ्यर्थियों को तीन साल, एससी/एसटी को पांच साल तथा सरकारी कर्मचारियों को पांच साल की छूट दी जाएगी।

5. अभ्यर्थी एक से अधिक पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग-अलग आवेदन करना होगा।

6. आवेदन शुल्क: सभी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 100 रुपये। महिला व एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए शुल्क देय नहीं है। शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करना होगा।

7. चयन प्रक्रिया
अभ्यर्थियों का चयन ऑनलाइन लिखित परीक्षा और फिजिकल फिटनेस टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर होगा। इसके बाद अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन होगा। - ऑनलाइन लिखित परीक्षा और फिजिकल फिटनेस टेस्ट नई दिल्ली में कई सेंटरों पर आयोजित होगी।



8. आवेदन की प्रक्रिया
दिल्ली फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की वेबसाइट http://forest.delhigovt.nic.in पर जाएं।
- होम पेज पर What's New हेडिंग के नीचे Advertiesment for the post of forest ranger and forest gaurd and wild life gaurd लिंक पर क्लिक करें।

- ऐसा करने से भर्ती का विज्ञापन खुल जाएगा। इसे अच्छी तरह पढ़ें और पदों के अनुसार अपनी योग्यता जांच लें।
- ऑनलाइन आवेदन करने के लिए What's New हेडिंग के नीचे दिए गए Apply Online Applicaiton for the Forestry Staff लिंक पर क्लिक करें।

- इसके बाद https://cdn.digialm.com//EForms/configuredHtml/1258/64098/Instruction.html लिंक स्क्रीन पर आएगा। इस पर क्लिक करें।

- इसके बाद आवेदन करने के लिए दिशा-निर्देश वाला पेज खुलेगा। इस पर I Agree वाले चेकबॉक्स पर टिक लगाएं और start बटन पर क्लिक करें।

- इसके बाद मांगी गई सभी जानकारियां भरें और यूजर आईडी और पासवर्ड बनाकर लॉगइन करें।
- ऐसा करते ही आवेदन पत्र खुल जाएगा। इसमें मांगी गई सभी जानकारियां भरें और फोटो व हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
- अंत में आवेदन शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें और सब्मिट बटन पर क्लिक करें।



9. महत्वपूर्ण तिथियां
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथिः 13 फरवरी 2020 (रात 11.59 बजे तक)
ऑनलाइन लिखित परीक्षा की संभावित तिथिः 12 और 13 मार्च 2020


10. अधिक जानकारी
 वेबसाइटः

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे