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Hindi Shayari Bhartendu harishchandra best hindi shayari


भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की ग़ज़लों से चुनिंदा शेर 


 Shayari Bhartendu harishchandra best sher 



 न बोसा लेने देते हैं न लगते हैं गले मेरे
अभी कम-उम्र हैं हर बात पर मुझ से झिझकते हैं



आ गई सर पर क़ज़ा लो सारा सामां रह गया
ऐ फ़लक क्या-क्या हमारे दिल में अरमां रह गया ।



किसी पहलू नहीं आराम आता तेरे आशिक को
दिले मुज़तर तड़पता है निहायत बेक़रारी है



नींद आती ही नहीं धड़के की इक आवाज़ से
तंग आया हूं मैं इस पुरसोज दिल के साज़ से



आज तक आईना-वश हैरान है इस फ़िक्र में
कब यहां आया सिकंदर कब रवाना हो गया



दौलत-ए-दुनिया न काम आएगी कुछ भी बाद-ए-मर्ग
है ज़मीं में ख़ाक क़ारूं का ख़ज़ाना हो गया



दिल मिरा तीर-ए-सितमगर का निशाना हो गया
आफ़त-ए-जां मेरे हक़ में दिल लगाना हो गया



मसल सच है बशर की क़दर नेमत बाद होती है
सुना है आज तक हम को बहुत वो याद करते हैं



रहे न एक भी बेदाद-गर सितम बाक़ी
रुके न हाथ अभी तक है दम में दम बाक़ी



रक़ीबों में वो होंगे सुर्ख़-रू आज
हमारे क़त्ल का बेड़ा लिया है

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