युवा दिवस पर पढ़ें ये 10 बड़े शेर
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं
- साहिर लुधियानवी
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं
- जिगर मुरादाबादी
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
- जिगर मुरादाबादी
जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की
- जमील मज़हरी
देख ज़िंदां से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार
रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख
- मजरूह सुल्तानपुरी
उसे गुमां है कि मेरी उड़ान कुछ कम है
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है
- नफ़स अम्बालवी
सफ़र में अब के अजब तजरबा निकल आया
भटक गया तो नया रास्ता निकल आया
- राजेश रेड्डी
सूरमा जिस के किनारों से पलट आते हैं
मैं ने कश्ती को उतारा है उसी पानी में
- सरवत हुसैन
सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती
चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की
- अल्ताफ़ हुसैन हाली
गो आबले हैं पांव में फिर भी ऐ रहरवो
मंज़िल की जुस्तुजू है तो जारी रहे सफ़र
- नूर क़ुरैशी
मंज़िल की जुस्तुजू है तो जारी रहे सफ़र
- नूर क़ुरैशी