Hunar Shayari collection | 'हुनर' पर कहे गए शेर - Hindi Shayari H |
मुझ में थे जितने ऐब वो मेरे क़लम ने लिख दिए
मुझ में था जितना हुस्न वो मेरे हुनर में गुम हुआ
- हकीम मंज़ूर
हमारे ऐब ने बे-ऐब कर दिया हम को
यही हुनर है कि कोई हुनर नहीं आता
- मिर्ज़ा रज़ा बर्क़
न थी हाल की जब हमें अपने ख़बर रहे देखते औरों के ऐब ओ हुनर
पड़ी अपनी बुराइयों पर जो नज़र तो निगाह में कोई बुरा न रहा
- बहादुर शाह ज़फ़र
तुम्हारी जफ़ा पर मैं ग़ज़लें कहूँगा
सुना है हुनर को हुनर काटता है
- जतिन्दर परवाज़
मुझ में बहुत हुनर थे मगर ये हुनर न था
- रोहित सोनी ताबिश
तिरी जफ़ा का फ़लक से न तज़्किरा छेड़ा
हुनर की बात किसी कम-हुनर से क्या करते
- अनवर मसूद
हम उस को भूल के करते हैं शाइ'री 'ताबिश'
कमाल-ए-बे-हुनरी से हुनर बनाते हैं
- अब्बास ताबिश
हर हुनर को जो एक दौलत है
इल्म और जिस्म की ज़रूरत है
- जोश मलीहाबादी
शर्त सलीक़ा है हर इक अमर में
ऐब भी करने को हुनर चाहिए
- मीर तक़ी मीर
जिस की ख़ातिर मैं भुला बैठा था अपने आप को
अब उसी के भूल जाने का हुनर भी देखना
- अताउल हक़ क़ासमी
हमें है आज कल ऐसे किसी हुनर की तलाश
- नातिक़ गुलावठी
अश्क-ए-ग़म पी पी के अपने शहर में
मुस्कुराना भी हुनर है दोस्तो
- रिफ़अत अल हुसैनी
फ़न की पगडंडियों पे चलते हुए
कभी भटके तो बे-हुनर भटके
- फ़रहत अब्बास
रत-जगों में गूँजने वाली सदाएँ किस की हैं
है हुनर किस के लिए अर्ज़-ए-हुनर किस के लिए
- मोहम्मद ख़ालिद
याद कर के ये दिल भूल पाया नहीं
- नितिन नायाब
किसी सनद की ज़रूरत नहीं पड़ी है 'ज़फ़र'
हमारा ऐब ही आख़िर हुनर हमारा हुआ
- ज़फ़र इक़बाल
पत्थर से हों दिल यक-निगह-ए-गर्म में पानी
है इश्क़ से ईजाद हुनर शीशागरी का
- रज़ा अज़ीमाबादी
सारी दुनिया को हुनर अपना दिखाना होगा
- मोहम्मद अली साहिल