सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Best Shero Shayari Collection 2020 On Republic Day hindi mai


Republic Day Best Shero Shayari Collection 2020 - गणतंत्र दिवस पर शायरी: 26 जनवरी 2020 की सबसे बेस्ट शायरी हिंदी में
Republic Day Best Shero Shayari Collection 2020 


गुजारिश है इन हवाओ से आज जरा तेज बहे!
बात मेरे देश की शान तिरंगे को लहराने की !!




गांधी स्वपन जब सत्य बना,
देश तभी जब गणतंत्र बना,
आज फिर से याद करे वह मेहनत,
जो थी कि वीरों ने और भारत गणतंत्र बना!




खूब बहती हे अमन की गंगा, बहने दो !
मत फैलाओ देश में दंगा, रहने दो !
लाल हरे रंग में न बाटो हमको !
मेरे छत पर एक ..तिरंगा रहने दो !!





ये नफरत बुरी न पालो इसे
दिलों में खलिश है निकालो इसे,
न तेरा न मेरा न इसका न उसका,
ये वतन है हम सब का बचा लो इसे,




बता दो आज इन हवायों को,
जला कर रखो इन चिरागों को,
लहू देकर जो ली आजादी,
टूटने ना देना ऐसे प्रेम के धागों को।




एक सैनिक ने क्या खूब कहा है!
मैं प्यार की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ
इस दिल की नन्ही-सी चिड़ियाँ को चहकता छोड़ आया हूँ
मुझे अपनी छाती से तू लगा लेना ऐ भारत माँ
मैं अपनी माँ को तरसता छोड़ आया हूँ।




आज मैं आपसे अपने दिल की बात कहना चाहता हूँ
हाँ वही अलफाज जो आप सुनना चाहते है
हाँ वही तिन अलफाज जो आपके दिल को छु ले
हैप्पी रिपब्लिक डे




देशभक्तों से ही देश की शान है,
देशभक्तों से ही देश का मान है,
हम उस देश के फूल है यारों,
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है।




दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं..!!



चलो करे देश का काम मिलकर
आओ बनाए देश का नाम मिलकर
देश रहे आबाद हम बने आज़ाद
बोलो वंदे मातरम साथ मिलकर




भूख, गरीबी, लाचारी को,
इस धरती से आज मिटायें,
भारत के भारतवासी को,
उसके सब अधिकार दिलायें
आओ सब मिलकर नये रूप में गणतंत्र मनायें
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें



मैं तो सोया था गहरी नींद में,
सरहद पर था जवान जागा रात सारी,
ये सोच कर नींद मेरी उड़ गयी,
जवान कर रहा रक्षा हमारी!



इंडियन होने पर करीए गर्व,
मिलके मनाएं लोकतंत्र का पर्व,
देश के दुश्मनों को मिलके हराओ,
हर घर पर तिरंगा लहराओ



सोचता हूँ क्या दे पाऊंगा
जो मैंने पाया है इस देश से
क्या मैं कभी चूका पाऊंगा
जो मैंने पाया है इस देश से
फैलाना है मुझे देश सम्मान की भावना
शायद इस तरह नज़र मिला पाऊंगा देश से





मेरे हर कतरे-कतरे में, हिंदुस्तान लिख देना,
और जब मोत हो, तन पे, तीरंगे का कफन देना,
यही खुवाहिश खुदा हर जन्म हिंदुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना |





ना सरकार मेरी है,
ना रौब मेरा है,
ना बड़ा-सा नाम मेरा है,
मुझे तो एक छोटी सी बात का गर्व है,
मैं हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है।




नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के




जान तो करदी हमने वतन के नाम पर
शान तो करदी हमने वतन के नाम पर
कुर्बानियों से पाई है हमने आज़ादी
हमारा वतन तो लाखों में एक है
आन भी करदी हमने वतन के नाम पर




वतन हमारा ऐसे न छोर पाए कोई,
वतन हमारा ऐसे न छोर पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसा ना तोड़ पाए कोई,
दिल है हमारे एक है, एक है हमारी जान,
दिल है हमारे एक है, एक है हमारी जान,
हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान ||





आजादी का जोश कभी कम न होने देंगे,
जब भी जरूरत पड़ेगी देश के लिए जान लूटा देंगे,
क्योंकि भारत हमारा देश है,
अब दोबारा इस पर कोई आंच न आने देंगे।




वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये,
दिल एक है एक है जान हमारी,
हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है




चाँद में आग हो तो अम्बर क्या करे
समान ही दुष्ठ हो तो चमन क्या करे
मुझसे मेरे तिरंगे ने रो रोकर कहा
कुर्सियां ही भर्स्ट हो तो मेरा वतन क्या करे




चलो फिर से आज वो नजारा याद करले,
चलो फिर से आज वो नजारा याद करले,
शहीदों के दिलो में थी जो वो ज्वाला याद करले,
जिसमे बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे,
जिसमे बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे,
देशभक्ति के खून की वो धारा याद करले |





आन देश की शान देश की,
देश की हम संतान है,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा
अपनी ये पहचान है।




वतन हमारा ऐसे ना छोड़ पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई,
दिल हमारा एक है एक है हमारी जान.
हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान




मेरा मुल्क मेरा देश मेरा
यह वतन शांति का उन्नति का
प्यार का चमन ..हैप्पी रिपब्लिक




भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान,
दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान,
सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का,
इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास |
गणतंत्र दिवस की ढ़ेरो शुभकामनाए.




मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चाँदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफन मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।




नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के





वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की
तोड़ता है दीवार नफरत की
मेरी खुश नसीबी मिली ज़िन्दगी इस चमन में .
भुला न सके कोई इसकी खुशबु सातों जनम में




चलो फिर से खुद को जागते है,
अनुसासन का डंडा फिर घुमाते है,
सुनहरा रंग है गणतंत्र का सहिदो के लहू से,
ऐसे सहिदो को हम सब सर झुकाते है |
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.




तिरंगा लहराएँगे,
भक्ति गीत गुनगुनाएंगे,
वादा करो इस देश को,
दुनिया का सबसे प्यारा देश बनाएँगे।




ना पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं




वतन की सर बुलंदी में
हमारा नाम शामिल
गुज़रते रहना है हमको सदा
ऐसे मुकामो से जय हिन्द




आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा,
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा ||
Indian Republic day 2020 की शुभकामनाये.




चढ़ गए जो हँसकर सूली,
खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करते है,
जो मिट गए देश के लिए,
हम उनको सलाम करते है।




देश भक्तो की बलिदान से
स्वतंत्रा हुए है हम
कोई पूछे कोन हो
तो गर्व से कहेंगे
भारतीय है हम




नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के….||




जान तो करदी हमने वतन के नाम पर
शान तो करदी हमने वतन के नाम पर
कुर्बानियों से पायी है हमने आजादी
हमारा वतन तो लाखों में एक है
आन भी करदी हमने वतन के नाम पर




नफरत बुरी है ना पालो इसे,
दिलों में ख़लिश है निकालों इसे,
न तेरा, न मेरा, न इसका न उसका,
ये सबका वतन है संभालो इसे।




याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम,
यह बलिदान तुम्हारा है,
हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है





वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये,
दिल एक है एक है जान हमारी,
हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है.




वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए,
वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए,
रखते है हम वो हौसले भी जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए




इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियो गणतंत्र दिवस फिर आया है|
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये




अलग है भाषा, धर्म जात,
और प्रांत, भेष, परिवेश,
पर हम सब का एक ही गौरव है,
राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेठ




तिरंगा हमारा है शान-ए-जिंदगी,
वतन परस्ती है वफा-ए-जिंदगी,
देश के लिए मर मिटना कबूल है हमें,
अखंड भारत के स्वपन का जुनून है हमें!




कोई हस्ती कोई मस्ती
कोई चाह पे मरता है..
कोई नफरत कोई मोहब्बत
कोई लगाव पे मरता है..
ये देंश है उन दिवानों का
यहां हर बन्दा
अपने हिंदुस्तान पे मरता है..
26 जनवरी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शूभकामनायें




अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
इश्क तो करता है हर कोई महबूब पर मरता है हर कोई
कभी वतन को महबूब बना कर कर देखो तुझ पर मरेगा हर कोई!!




बलिदानों का सपना जब सच हुआ तभी देश आजाद हुआ
आओ सलाम करे उन वीरों को
जिनकी शहादत से यह भारत गणतंत्र हुआ!



कुछ नशा तिरंगे की आन का
कुछ नशा मातृभूमि की शान का
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा
है ये नशा हिंदुस्तान की शान का!!




तैरना है तो समुंदर में तैरो
नदी नालों में क्या रखा है
प्यार करना है तो वतन से करो
इन बेवफा लोगों में क्या रखा है?




दाग गुलामी का धोया है, जान लुटा कर लाए हैं
कितने दीप बुझा कर मिली है यह आजादी
फिर इस आजादी को रखना होगा आज हर एक दुश्मन से बचाकर!!





चलो फिर से खुद को जगाते हैं
अनुशासन का झंडा फिर घूमाते हैं
सुनहरा रंग है गणतंत्र का,
ऐसे शहीदों के लिए हम सर झुकाते हैं!!




जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई
जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता !!




आओ झुक कर सलाम करे उनको
जिनके हिस्से में यह मुकाम आता है
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है!!




ना मरो सनम बेवफा के लिए
2 गज जमीन नहीं मिलेगी दफन के लिए
मरना है तो मरो अपने वतन के लिए
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी कफ़न के लिए!!




मैं इसका हनुमान हूं
ये देश मेरा राम है
छाती चीर के देख लो
अंदर बैठा हिंदुस्तान है!!




आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची है जो एक बूंद लहू की तब तक
भारत माता का आंचल नीलाम नहीं होने देंगे




फना होने की इजाजत ली नहीं जाती
यह वतन की मोहब्बत जनाब पूछकर नहीं जाती!!




ना जियो धर्म के नाम पर
ना मरो धर्म के नाम पर
इंसानियत ही धर्म वतन का
बस जिओ वतन के नाम के नाम पर!!





कांटो में भी फूल खिलाए
इस धरती को स्वर्ग बनाएं
आओ सबको गले लगाएं
हम गणतंत्र का पर्व मनाए!!




सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजू ए कातिल में है!!




इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना
लहू देखकर की जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को सदा अपनी आंखों में बसाये रखना

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही