सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Sarkari Naukri Wbpsc Recruitment 2020 - Vacancy For Laboratory Assistant | Posts Govt Jobs - स्नातक है तो जल्द करें आवेदन - यहां असिस्टेंट कई पद हैं खाली - slide -7- hindi shayari h


Laboratory assistant, wbpsc, assistant engineer, wbpsc recruitment 2020, government jobs, govt jobs, government jobs 2019, सरकारी जॉब, गवर्नमेंट जॉब, सरकारी नौकरी, sarkari job, सरकारी जॉब सरकरी नौकरी, sarkari naukri, नौकरियां, recruitment 2019-20, Government Jobs Photos, Latest Government Jobs Photographs, Government Jobs Images, Latest Government Jobs photos.





WBPSC Recruitment 2020 – अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, तो यहां कई पदों पर नियुक्तियां हाे रहीं हैं। उम्मीदवारों के पास अगर मांगी गई संबंधित योग्यताएं हैं, तो वे लोक सेवा आयोग, पश्चिम बंगाल की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी अधिसूचना देख सकते हैं। बता दें कि ये भर्ती प्रयोगशाला सहायक के पदों पर कि जा रही हैं। योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इस नौकरी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आगे की स्लाइड देखें।



रिक्तियों का विवरण :
पद का नाम :                                                  पदों की संख्या :
 प्रयोगशाला सहायक                                                209 पद


महत्वपूर्ण तिथियां :
ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की प्रारंभिक तिथि : 10 जनवरी, 2020
ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि : 30 जनवरी, 2020
ऑफलाइन शुल्क के भुगतान की अंतिम तिथि : 31 जनवरी, 2020



आयु सीमा :
उम्मीदवार की अधिकतम आयु 40 वर्ष पद के अनुसार निर्धारित की गई है।


शैक्षिक योग्यता :
उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष योग्यता प्राप्त होना आवश्यक है। अधिक जानकारी के लिए आगे दी गई अधिसूचना पढ़ें।



आवेदन प्रक्रिया :
इच्छुक उम्मीदवार संबंधित आधिकारिक वेबसाइट www.pscwbonline.gov.in के माध्यम से 30 जनवरी, 2020 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जान लें किसी प्रकार की त्रुटि हो जाने पर आवेदन पत्र मान्य नहीं होगा।


चयन प्रक्रिया :
उम्मीदवारों का चयन प्रारंभिक स्क्रीनिंग टेस्ट (PST) के आधार पर किया जाएगा।


आधिकारिक वेबसाइट के लिए यहां क्लिक करें।
ऑफिशियल नोटिफिकेशन पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए यहां क्लिक करें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे