हमारे ऐब ने बे-ऐब कर दिया हम को
यही हुनर है कि कोई हुनर नहीं आता
- मिर्ज़ा रज़ा बर्क़
ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता
- चराग़ हसन हसरत
अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया
मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़त्म हो गया
- फ़रियाद आज़र
सफ़र का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है
- शहबाज़ ख़्वाजा