सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Funniest Jokes Jokes Marriage Jokes Majedar Chutkule Girl Boy Jokes In Hindi Funny Jokes Latest Hindi Jokes | पत्नी ने प्लाजो की जिद क, पढ़िए मजेदार जोक्स

पत्नी ने प्लाजो की जिद क, पढ़िए मजेदार जोक्स

Funniest Jokes  Jokes Marriage Jokes Majedar Chutkule पत्नी ने प्लाजो की जिद क, पढ़िए मजेदार जोक्स







पत्नी ने प्लाजो की जिद की...

पति ने पिताजी का 36 इंच मोहरी का
पायजामा रंगवा कर दे दिया। 

पत्नी खुशी जाहिर करते हुए नहीं थक रही... 

पिताजी पाजामा ढूंढते नहीं थक रहे...
और...
पति एक कोने में बैठकर हंसते नहीं थक रहा...!!!












पुनर्विवाह का कार्ड पढ़ा तो आंखें भर पाईं...

उसमें लिखा था...

मेहंदी के साथ ही डाई की रस्म भी रखी जाएगी,
प्रात: आठ बजे...!!!












बाबा - दीदी एक रोटी दे दो,
सुबह से भूखा हूं!!

अंदर से आवाज आई- 
दीदी तेरी बैंक गई है,
आज तो जीजा भी भूखा है...!!!









पप्पू अपने एक दोस्त से कह रहा था...

हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं साहब,
जहां पर...
.
.
.
अनार का जूस सिर्फ तबीयत खराब होने पर
पिया जाता है...!!!











एक दोस्त दूसरे दोस्त से...

बुलेट ट्रेन तो उन देशों के लिए बनी है,
जहां लोगों के पास समय की कमी है!
.
.
हमारे यहां तो अगर कहीं जेसीबी लगी हो तो
आधा गांव तो उसे ही देखने चला जाता है...!!! 










लड़का - तुमसे कुछ कहना था, कहूं? 

लड़की - हां बोलो...

लड़का - मैं तुमसे प्यार करता हूं...

लड़की - करो... करो... मैं भी किसी से करती हूं,
सब किसी न किसी से करते हैं...!!!

लड़का बेहोश...











पत्नी - तुम मुझे ऐसी दो बातें
बोलो कि एक से मैं खुश हो
जाऊं और दूसरे से गुस्सा आ
जाए।
.
.
पति - (1) तुम मेरी जिंदगी हो।


(2) और लानत है ऐसी जिंदगी पर











आज का ज्ञान
जरूरी नहीं कि पत्नी
अपना गुस्सा लड़-झगड़ के
ही निकाले।
.
.
.
वो मोटी कच्ची रोटी और
सब्जी में बिना नमक डाले
भी अपना गुस्सा निकाल
सकती है...!!










पत्नी - मेरी शराफत देखो, मैंने
आपको देखे बगैर ही आपसे
शादी कर ली।
.
.
.
पति - मेरी शराफत देखो,
मैंने देखकर भी इंकार नहीं
किया।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...