सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Hug Day Shayari Collection of Valentine week दुश्मनों को भी गले लगाते शायरों के अल्फ़ाज़

Read in English

Hug Day Shayari Collection of Valentine week

12 फरवरी को 'हग डे'[Hug Day] मनाया जाता है।वैलेंटाइन वीक चल रहा है और इस सप्ताह के छठे दिन,  यह एक दूसरे को गले से लगाकर प्यार जताने का दिन है। इस दिन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक जादू की झप्पी के बहाने हमें यह जानने का मौका मिल जाता है कि सामने वाला हमें कितना चाहता है, उसके दिल में हमारे लिए क्या है। हग डे के दिन लोग अपने पार्टनर को गले लगाकर प्यार का इजहार करते हैं।

हालांकि डिजिटल हो चुके इस जमाने में लोग मिलने से पहले सोशल मीडिया के जरिए हग डे की शुभकामनाएं देते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए आकर्षक Hug day shayari लेकर आए हैं, जिनके जरिए आप हग डे की शुभकामनाएं दे सकते हैं



आज तो यूं गले लग जाओ कि बस
फिर तो जाने तुम्हें कब कब देखें
- अनवार अंजुम
Hug day shayari

मोहब्बत में शायद कमी रह ही जाती
अगर तू गले लग के रोया न होता
- रोबीना बट

तमाम उम्र का सौदा है एक पल का नहीं
बहुत ही सोच समझ कर गले लगाओ हमें
- मंज़र अय्यूबी


जो दूर रह के उड़ाता रहा मज़ाक़ मिरा
क़रीब आया तो रोया गले लगा के मुझे
- फ़रियाद आज़र

जाते जाते गले लगाता क्या
वो मिरा और दिल दुखाता क्या
- साइमा आफ़्ताब
Hug day best shayari

पिघल रहे हैं हम इक फ़ासले पे बैठे हुए
गले लगो कि ये सीने की आग ठंडी हो
- राना आमिर लियाक़त

गिले करो कि मोहब्बत में जान पड़ जाए
गले लगो कि यूं रोने से सिलसिला रहेगा
- राना आमिर लियाक़त


वक़्त-ए-रुख़्सत गले लगा लेना
आख़िरी बार ये ख़ता कर दो
- फ़ैसल फेहमी
Hug day best sher
मैं चाहता हूं कि तुम ही मुझे इजाज़त दो
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे
- बशीर बद्र


आते ही जो तुम मेरे गले लग गए वल्लाह
उस वक़्त तो इस गर्मी ने सब मात की गर्मी
- नज़ीर अकबराबादी




हग डे शायरी मोहब्बत की सज़ा तर्क-ए-मोहब्बत
मोहब्बत का यही इनआम भी है
- वामिक़ जौनपुरी


जुदाई से ज़ियादा जान-लेवा
मोहब्बत में मोहब्बत की कमी है
- शहनवाज़ फ़ारूक़ी

मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
अमां यार छोड़ो ये हल्का नशा है
- अमित शर्मा मीत
हग डे की शायरी

वो मोहब्बत भी क्या मोहब्बत है
जिस में दीवानगी नहीं होती
- वक़ार बिजनोरी

ज़रूरी तो नहीं हम ज़िंदगी में
मोहब्बत का समर पाएं मोहब्बत
- अशरफ़ अली अशरफ़


फल जाए मोहब्बत तो मोहब्बत है मोहब्बत
और रास न आए तो मुसीबत है मोहब्बत
- मंज़र लखनवी

इलाही तर्क-ए-मोहब्बत भी क्या मोहब्बत है
भुलाते हैं उन्हें वो याद आए जाते हैं
- जिगर मुरादाबादी


'मीर' मरना पड़े है ख़ूबां पर
इश्क़ मत कर कि बद बला है इश्क़
- मीर तक़ी मीर

इश्क़ नाशाद है इश्क़ बर्बाद है इश्क़ फ़रियाद है
इस समुंदर का कोई किनारा नहीं वो हमारा नहीं
- फ़ाख़िरा बतूल


इंतिहा इश्क़ की ख़ुदा जाने
दम-ए-आख़िर को इब्तिदा कहिए

- दाग़ देहलवी






Read more about hug day sher, hug day shayari, hug day best sher on hindi shayari h

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे