मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूं
वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता
- अफ़ज़ल इलाहाबादी
कभी गुलाब से आने लगी महक उस की
कभी वो अंजुम ओ महताब से निकल आया
- महबूब ज़फ़र
सुनो कि अब हम गुलाब देंगे गुलाब लेंगे
मोहब्बतों में कोई ख़सारा नहीं चलेगा
- जावेद अनवर
बिछे थे राहों में फूल कितने
जो भा गया वो गुलाब हो तुम
- साइमा नसीम बानो
फिर याद आ गए वही कॉलेज के दिन मुझे
सूखे गुलाब निकले पुरानी किताब से
- शायान क़ुरैशी
दिन में आने लगे हैं ख़्वाब मुझे
उस ने भेजा है इक गुलाब मुझे
- इफ़्तिख़ार राग़िब
निकल गुलाब की मुट्ठी से और ख़ुशबू बन
मैं भागता हूं तिरे पीछे और तू जुगनू बन
- जावेद अनवर
मैं ने भेजी थी गुलाबों की बशारत उस को
तोहफ़तन उस ने भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा भेजी है
- हामिद सरोश
बसी है सूखे गुलाबों की बात सांसों में
कोई ख़याल किसी याद के हिसार में है
- ख़ालिदा उज़्मा
आप से जो भी ख़ार खाते हैं
उन की ख़ातिर गुलाब ले जाओ
- मीनाक्षी जिजीविषा