सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Actress 'Vaani Kapoor' Excited For Her Next Film | Shamshera With Ranbir Kapoor

Actress 'Vaani Kapoor' Excited For Her Next Film | Shamshera With Ranbir Kapoor

शमशेरा में दिखेगा वाणी कपूर का देसी अंदाज, अपने नृत्यगीतों को लेकर अभी से उत्साहित घुंघरू गर्ल






चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण का असर खत्म होने के बाद वहां सिनेमाघर खुलने लगे हैं। मुंबई के फिल्म निर्माता और वितरक भी ये अनुमान लगा रहे हैं कि भारत में हालात अप्रैल के अंत तक सुधरने लगेंगे और मई-जून तक स्थित सामान्य हो जाएगी। लिहाजा जिन फिल्मों की रिलीज मॉनसून के आसपास प्रस्तावित है, उनको तैयार करने का काम मुंबई के तकनीशियन अपने घरों पर ही रहकर शिद्दत से पूरा कर रहे हैं। इन फिल्मों में सबसे पहला नंबर है फिल्म शमशेरा का जो 31 जुलाई को रिलीज होने वाली है।





फिल्म संजू के बाद रणबीर कपूर की रिलीज होने जा रही फिल्म शमशेरा को एक म्यूजिकल थ्रिलर बताया जा रहा है। फिल्म वॉर में ऋतिक रोशन के साथ घुंघरू गाने पर डांस के लिए खूब वाहवाही बटोरने वाली अभिनेत्री वाणी कपूर के फिल्म शमशेरा के लिए शूट हुए गाने कमाल के बन पड़े हैं। पोस्ट प्रोडक्शन पर इन्हें देख चुके लोग अभी से साल 2020 का दूसरा हिस्सा वाणी कपूर के नाम करने लगे हैं। वाणी ने फिल्म बेफिक्रे में भी रणवीर सिंह के साथ नशे सी चढ़ गई और उड़े दिल बेफिक्रे जैसे गानों पर पूरी मस्ती के साथ डांस किया था।







अपने इस डांसिंग कौशल का जिक्र छिड़ने पर वाणी कहतीं हैं, “मैंने हमेशा माना है कि एक अभिनेता के लिए अपने परफॉर्मेंस को पूरी तरह सफल बनाने के लिए कला के विभिन्न रूपों को सीखना और उसके लिए कोशिश करना महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। लोगों के साथ ही इंडस्ट्री ने भी मेरे डांस की काफी सराहना की है। इसके लिए मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूं। शमशेरा में मेरे पास कुछ बेहतरीन नृत्यगीत हैं और इन्हें बड़े परदे पर देखने के लिए मैं खुद भी काफी बेकरार हूं।”







ये पूछे जाने पर कि क्या वह भी तमाम दूसरी अभिनेत्रियों की तरह बचपन से ही माधुरी दीक्षित बनना चाहती थीं, वाणी कहती हैं, “सच कहूं तो मैंने कभी नाचना सीखा ही नहीं। सिनेमा में प्रवेश करने से पहले मैंने इसका कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया था। हां, अब सिनेमा का हिस्सा हूं तो इसमें भी महारत हासिल करनी ही थी और ईमानदारी से कहूं तो ये आसान नहीं था। मैं ऐसी अदाकारा बनना चाहती हूं जो अभिनय, नृत्य और हर तरह के कौशल में पारंगत हो।”

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...