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Best Ghar Famous Shayari Collection, Self Talk Shayari Collection, Famous Motivational hindi shayari collection

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मुश्किल हालातों में प्रेरणा देते हैं ये शेर...
Famous Motivational hindi shayari collection


मुश्किल का सामना हो तो हिम्मत न हारिए 
हिम्मत है शर्त साहिब-ए-हिम्मत से क्या न हो 
- इम्दाद इमाम असर

'अख़्तर' गुज़रते लम्हों की आहट पे यूँ न चौंक 
इस मातमी जुलूस में इक ज़िंदगी भी है 
- अख़्तर होशियारपुरी


ख़ैर से रहता है रौशन नाम-ए-नेक 
हश्र तक जलता है नेकी का चराग़ 
- ज़हीर देहलवी

सारे पत्थर नहीं होते हैं मलामत का निशाँ 
वो भी पत्थर है जो मंज़िल का निशाँ देता है 
- परवेज़ अख़्तर

ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा 
दुनिया से हम ने क्या लिया दुनिया को क्या दिया 
- हफ़ीज़ मेरठी

क़तरा न हो तो बहर न आए वजूद में 
पानी की एक बूँद समुंदर से कम नहीं 
- जुनैद हज़ीं लारी

किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ 'वाहिद' 
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिन के काम अच्छे हैं 
- वाहिद प्रेमी

आस्ताँ भी कोई मिल जाएगा ऐ ज़ौक-ए-नियाज़ 
सर सलामत है तो सज्दा भी अदा हो जाएगा 
- जिगर बरेलवी






‘ख़ुद से बात करते’ शायरों के अल्फ़ाज़
Self Talk Shayari Collection

क्या हो जाता है इन हंसते जीते जागते लोगों को
बैठे बैठे क्यूं ये ख़ुद से बातें करने लगते हैं
- अमजद इस्लाम अमजद


ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं
फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

मिरी तवज्जोह फ़क़त मिरे काम पर रहेगी
मैं ख़ुद को साबित करूँगा दावा नहीं करूँगा
- तैमूर हसन


पत्तियाँ हो गईं हरी देखो
ख़ुद से बाहर भी तो कभी देखो
- शीन काफ़ निज़ाम

बदन का बोझ उठाना भी अब मुहाल हुआ
जो ख़ुद से हार के बैठे तो फिर ये हाल हुआ
- उमर फ़ारूक़


मेरी तन्हाई की पगडंडी पर
मेरे हम-राह ख़ुदा रहता है
- प्रीतपाल सिंह बेताब

मैं जब भी उस के ख़यालों में खो सा जाता हूँ
वो ख़ुद भी बात करे तो बुरा लगे है मुझे
- जां निसार अख़्तर


ख़ुद की ख़ुद से बातें कर के
हम दोनों उक्ता भी चुके हैं
- रेनू नय्यर

न की जाती है औरों से मुलाक़ात एक लम्हे को
न हो पाती है ख़ुद से बात जब से तुम नहीं आए
- अनवर शऊर


आज 'महवर' है इस क़दर तन्हा
जैसे ख़ुद से भी राब्ता टूटा
- मेहवर नूरी



एक हो जाएं तो बन सकते हैं ख़ुर्शीद-ए-मुबीं
वर्ना इन बिखरे हुए तारों से क्या काम बने
- अबुल मुजाहिद ज़ाहिद

कहीं कोई चराग़ जलता है
कुछ न कुछ रौशनी रहेगी अभी
- अबरार अहमद

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
- बहादुर शाह ज़फ़र

फिर वही लम्बी दो-पहरें हैं फिर वही दिल की हालत है
बाहर कितना सन्नाटा है अंदर कितनी वहशत है
- ऐतबार साजिद











शायरी में 'घर' का ज़िक्र...
Best Ghar Famous Shayari Collection

पता अब तक नहीं बदला हमारा 
वही घर है वही क़िस्सा हमारा 
- अहमद मुश्ताक़

गुरेज़-पा है नया रास्ता किधर जाएँ 
चलो कि लौट के हम अपने अपने घर जाएँ 
- जमाल ओवैसी

सब कुछ तो है क्या ढूँडती रहती हैं निगाहें 
क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता 
- निदा फ़ाज़ली

अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ 
शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या 
- मुनीर नियाज़ी

कोई वीरानी सी वीरानी है 
दश्त को देख के घर याद आया 
- मिर्ज़ा ग़ालिब

तुम परिंदों से ज़ियादा तो नहीं हो आज़ाद 
शाम होने को है अब घर की तरफ़ लौट चलो 
- इरफ़ान सिद्दीक़ी

भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आया 
घर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकला 
- अलीम मसरूर

उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है 
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है 
- कफ़ील आज़र अमरोहवी


दर-ब-दर ठोकरें खाईं तो ये मालूम हुआ 
घर किसे कहते हैं क्या चीज़ है बे-घर होना 
- सलीम अहमद

घर में क्या आया कि मुझ को 
दीवारों ने घेर लिया है 
- मोहम्मद अल्वी

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