सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Best Motivational Shayari In Hindi By Navjot Singh Sidhu | बेस्ट मोटिवेशनल शायरी इन हिंदी बाय नवजोत सिंह सिद्धू


 Best Motivational Shayari In Hindi By Navjot Singh Sidhu | बेस्ट मोटिवेशनल शायरी इन हिंदी बाय नवजोत सिंह सिद्धू
 Best Motivational Shayari In Hindi By Navjot Singh Sidhu | बेस्ट मोटिवेशनल शायरी इन हिंदी बाय नवजोत सिंह सिद्धू

Ek Funny Joke

5 दिन से घर बैठा हूं । 
पत्नी आते जाते कई बार बोल चुकी है
 पता नही ये बीमारी कब जाएगी " 
 समझ नहीं आता मुझे कह रही है या कोरोना को





बेस्ट मोटिवेशनल शायरी इन हिंदी बाय नवजोत सिंह सिद्धू

कांटो में रहकर भी फूलो की तरह महकना सीखो
कीचड़ में रहकर भी दोस्तों कमल की तरह खिलना सीखो
जो परिस्थितियों से घबरा जाये वो लौह पुरुष हो नहीं सकता
राख में रहकर भी अंगारों की तरह दहकना सीखो



सिकंदर हालात के आगे नहीं झुकता
तारा टूट भी जाये जमीन पर आकर नहीं गिरता
गिरते है हजारो दरिया समंदर में
पर कोई समंदर किसी दरिया में नहीं गिरता



प्रेम परिचय को पहचान बना देता है
वीराने को गुलिस्तान बना देता है
मै आप बीती कहता हु गैरो कि नही
प्रेम इंसान को भगवान बना देता है।




जो वक़्त अपना बर्बाद नहीं करता
किसी की दुनिया आबाद नहीं करता
जिस किसी ने जगह मिलेगी जीत से
हारने वालो को जमाना याद नहीं करता




खुदी से खुद का अंदाज़ा नहीं होता,
बाहर आने से पहले फूल भी ताज़ा नहीं होता,
कोशिशे करते रहो तो जान जाओगे,
मुकद्दर का हमेशा बंद दरवाजा नहीं होता



लाखों हसीं जहां में है पर मुझे यकीन है,
कि यहां तुमसे मिलता जुलता कोई दूसरा नहीं है,
ये नूर, ये निखार, ये शोखियां, ये बाघपन,
अगर कहीं जन्नत है तो यहीं है।



सूरज हूँ जिंदगी की चमक छोड़ जाऊँगा,
फिर लौट आने की खनक छोड़ जाऊँगा
मै सबकी आँखों से आंसू समेट कर,
सबके दिलो में अपनी झलक छोड़ जाऊँगा

जीने के लिये तेरा एक अरमान ही काफी,
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है,
तीरों-तलवार की तुझे क्या जरुरत है हसीना,
क़त्ल करने के लिये तेरी मुस्कान ही काफी है।





दिल से दुआ है, जो दिल से दे दुआ तो बिखारी आमिर है
मोती ना दे सके तो समंदर फकीर है
देता रहेगा सारे अंधेरो को रोशनी
जब तक तेरे वजूद में रोशन जमीर है

जोड़ने वाले को मान मिलता है
तोड़ने वाले को अपमान मिलता है,
और जो खुशियाँ बाँट सके उसे सम्मान मिलता है




मंजिले उनको मिलती है
जिनके सपनों में जान होती है
पंखो से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है

आयु थोड़ी बड़ी है, लेकिन उत्साह आज भी वही है
नदी चाहे गहरी है लेकिन प्रवाह आज भी वही है
वही दमखम वही चम चम, मन ठाठ वही है
तलवार पुरानी है पर धार और काट आज भी वही है



 MOTIVATIONAL SHAYARI IN HINDI By NAVJOT SINGH SIDHU


बुलबुलों के पंखो मे बंधे हुए कभी बाज़ नहीं रहते,

बुझदिलो और कायरो के हाथ कभी राज़ नहीं रहते
सर झुकाकर चलने की आदत पड़ जाये जिस इंसान को
उस इंसान के सर पर कभी ताज नहीं रहते.

इबादत नहीं सिर्फ माला को घुमा देना,
इबादत है किसी भूखे को रोटी खिला देना,
किसी रोते हुए को हसा देना,
किसी उजड़े हुए को बसा देना.

निकाल दे अपने दिल से हर डर को,
नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को,
दामन भर जाएगा सितारों से तेरा
ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को

कहते हैं जहां सिर झुक जाये वहीं मंदिर,
जहां हर नदी सम जाये वहीं समंदर है,
जीवन की इस कर्मभूमि में युद्ध बहुत है,
जो हर जंग जीत जाये वही सलमान जैसा सिकंदर है।




हर आरजू हमेशा अधूरी नहीं होती,
सच्चे रिश्तों में कभी दूरी नहीं होती,
और जिस दिल में सोनम जैसी महबूबा बस्ती हो,
उसके लिये तो धड़कन भी जरूरी नही होती।

पानी की बूंद कही टिकती नहीं,
ईमानदारी मुझे कही दिखती नहीं
खरीददारो की मंडी में खड़ा है सिधु,
जितनी मर्जी बोली लगा कुछ चीजे ऐसी है जो बिकती नहीं

हर दिन के बाद यहाँ रात होती है,
हार जीत मेरे दोस्त साथ साथ होती है,
कोई कितने भी बनाले हवा में महल
मिलता वही है गुरु जो औकाद होती है.

आग कहीं भड़काना ना भूल जाये,
बिजली कहीं कड़कना ना भूल जाये,
संभलके रखना ऐ नौजवानों अपना दिल,
बिपासा को देखके कहीं धड़कना ना भूल जाये।


NAVJOT SINGH SIDHU CRICKET SHAYARI IN HINDI

जूनून है आंधियो में भी चिरागों को जला देता है,
वो जूनून है आग पानी में लगा देता है,
ये नयी सुबह का सूरज है,
इसे गौर से देख क्रिकेट वालो को ये अंदाज नया देता है

हादसों के शहर में हादसों से डरता है,
मिटटी का खिलौना है फना होने से डरता है
मेरे दिल के कौने में एक मासूम सा बच्चा,
बड़ो की देख के ये दुनिया ये बड़ा होने से डरता है



गुलाबो की खुशबु दीवारे रोक नहीं सकती,
हवाओ का बहाव मीनारे रोक नहीं सकती,
बुलंद हौसले ही जीवन की हकीकत है,
फौलादो की तकदीर तब्दिरे रोक नहीं सकती.

शेर चला करते हैं,
खुद्दार चला करते हैं,
सिर ऊंचा करके कौम पे,
सनी देओल जैसे सरदार चला करते हैं।




सिद्धू की रोमांटिक शायरी
आप आये जैसे बहार आ गई,
सावन की रिमझिम जैसे फुन्हार आ गई,
मेरी बात पर अगर हंस दिए हुस्न-ए-आला
मानो हंसो की एक कतार आ गई।

सोच ऊंची बंदा शहनशाह शाहों का शाह
और सोच नीची
आदमी बिखारी हाथ मे
टूठा थन थन पाल मदन गोपाल


क्या कभी उल्लू को रात में सोता देखा है |
क्या कभी मछलियों को साबुन से नहाते देखा है |
आदते जो लग जाते कहा वो जल्दी बदलती है |
क्या कभी कुत्ते की दूम को सीधी होते देखा है |


NAVJOT SINGH SIDHU SHER O SHAYARI

समुद्र शांत हो तो कोई भी नाव चला लेता हैं,
असली मज़ा तो तुफानों से कस्ती निकालने में आता हैं।

सभी को सभी कुछ हासिल नहीं मिलता
नदी की हर लहर को साहिल नहीं मिलता
ये दिल वालों की दुनिया है
अजब है दास्तान इसकी
किसी से दिल नहीं मिलता ओर कोई दिल से नहीं मिलता

इबादत नहीं सिर्फ माला को घुमा देना…
इबादत है किसी भूखे को रोटी खिला देना,
किसी रोते हुए को हसा देना,
किसी उजड़े हुए को बसा देना

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही