सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Bollywood | Ranbir Kapoor. And Alia Bhatt, From Their Wedding Day Photo Viral

Bollywood | Ranbir Kapoor. And Alia Bhatt, From Their Wedding Day Photo Viral
Bollywood | Ranbir Kapoor. And Alia Bhatt, From Their Wedding Day Photo Viral

लॉकडाउन के बीच सामने आई रणबीर और आलिया की शादी की पहली तस्वीर!




रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की जोड़ी को फैंस खूब पसंद करते हैं। दोनों अक्सर साथ में नजर आते हैं ऐसे में लंबे समय से चर्चाएं हैं कि दोनों जल्द ही शादी के बंधन में बंध सकते हैं। फैंस उन्हें शादी के जोड़े में देखना चाहते हैं। ऐसे में फैंस की ये मुराद पुरी हो गई है।





जी हां, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट पहली बार एक साथ दूल्हा और दुल्हन बने नजर आए हैं। इंटरनेट पर उनकी ये तस्वीर वायरल हो रही है। दरअसल रणबीर और आलिया की ये तस्वीर वैभव नाम के एक स्केच आर्टिस्ट ने बनाई है और इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है।





रणबीर और आलिया ने तस्वीर में हैवी ड्रेस पहनी है। दोनों मुस्कुरा रहे हैं। आलिया जहां सामने देख रही हैं तो वहीं रणबीर आलिया के पीछे खड़े हैं और हाथों से उनकी बांह को पकड़े हुए हैं। बता दें कि इससे पहले दोनों की शादी की फोटोशॉप्ड तस्वीर वायरल हुई थी।





पिछले दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि आलिया भट्ट और रणबीर कपूर का ब्रेकअप हो गया है। दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन बताई जा रही थी जिसके बाद आलिया और रणबीर के फैंस भी परेशान हो गए। बाद में आलिया ने एक तस्वीर से साफ कर दिया कि उनके बीच ब्रेकअप की खबर अफवाह है।




आलिया इस वक्त घर पर ही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसका कैप्शन इस ओर इशारा कर रहा है कि इन लव बर्ड के बीच सब कुछ ठीक है। तस्वीर में आलिया खिड़की के पास खड़ी हैं और बाहर की ओर शाम का नजारा देख रही हैं। वो अकेले नहीं है इस बात का इशारा उन्होंने खुद दिया। अभिनेत्री ने इस तस्वीर पर कैप्शन लिखा- 'घर पर रहो और सनसेट को देखो। तस्वीर खींचने का क्रेडिट मेरे हमेशा से फेवरेट आरके को।' आरके यानी रणबीर कपूर।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे