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Corona|Virus: Dr Ki Suno In Hindi डॉक्टर की सुनो ना


coronavirus: डॉक्टर की सुनो ना भारतीय अस्तापतालों में संक्रमणे ग्रसित मरीजों के लिए, जिला अस्पताल में अलग से वार्ड बनाए गए है. जिसमें उन मरीजों को रखा जा रहा है.जो महामारी सेजूझ रहे हैं जो विदेशों से लोटकर आएं हैं

Corona|Virus: Dr Ki Suno In Hindi  डॉक्टर की सुनो ना
Corona|Virus: Dr Ki Suno In Hindi  डॉक्टर की सुनो ना 


भारतीय अस्तापतालों में संक्रमणे ग्रसित  मरीजों के लिए, जिला अस्पताल में अलग से वार्ड बनाए गए है. जिसमें उन मरीजों को रखा जा रहा है.जो महामारी सेजूझ रहे हैं जो विदेशों से लोटकर आएं हैं., कल मुरादाबाद में भी ऐसे ही चार रिपोर्ट आएं हैं. एक मरीज का रिपोर्ट पॉजिटीव आने से तनाव बढ़ गया है. हॉस्पिटल के हाते में ही डॉक्टर्स क्वाटर है.

ग़नीमत रही कि तुरंत मलेरिया की दवा का छिड़काव करने वाली गाड़ी से, छिड़काव किया गया कि तुरंत राहत मिले. ओ पी डी को भी बंद कर दिया गया है.यहाँ के डॉक्काटर्स का कहना है कि यहाँ सबसे ज्यादा  भीड़, ओ पी डी में ही रहती है.एक मरीज़ के साथ, चार संग में टहलते रहते हैं. नेतागिरी और उनके चमचे के रेल मची रहती है. जो मरीज वाड में भरती है उसे तो सावधानी बरतनी चाहिए. मगर ओपीडी में बिना मतलब के लोग आकर वायरस फैलाए जा रहे हैं. ऐसे में इससे कोई बचेगा ही नहीं.यदि उन्हें समझाएं तो वह समझने के लिए तैयार नहीं है.




झगड़ा करने लगते है जचा बचा वाडर मे भी यही हाल है. जिनका बचा पेट में पॉटी कर दे या मूवमेट कम हो जाए. ऐसे में उनका ऑप्रेशन करना पड़ता है.सामान प्रसव तो यहां हमेशा चलते रहते हैं. यहां सीमित संसाधन जिस वजह से डॉक्टर्स भी परेशान रहते हैं. हए ,साल भर ,दिन रात की अपनी सेवाएँ प्रदान करते है.उनकी छुिटयाँ के सिलसिले है. वे अपने मरीजों को नजर अंदाज करते हैं.

नज़रंदाज़ कर के वल मास और सेिनटाइज़र के भरोसे, रोज़ सैकड़ो लोगो के समकर मेआकर ,,अपनेजीवन को दावँ पे लगा कर, देश सेवा कर रहेहै।ऐसी पिरिसयो में भी कुछ साथी या देश दोही नक़ली सेैनेटाइज़र बना रहे है। सभी डाक्टर्स का कहना है कि बिना  किसी मक़सद से घर से बाहर न निकलें .अस्पतालों की भीड़ का हिंसा न बने.


हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए है. उनसे अपनी समस्या कहे ,घर में रहे और हमें अस्पतालों को सुरक्षित रखने  में मदद करें. डॉक्टर्स सूयरकांत जी ( के जी एम सी )अपने जनिहत मेजारी विडीयो  में लोगों को संदेश दे रहेहैि कि छः साल से छोटे बच्चे, गभरवती मिहला,साठसाल से अधिक उम के लोगों का इमून सिस्कटम कमज़ोर होता है इसके अतिरिक्त.


डायबिटीज ,उच रक्तचाप के मरीज़ो में, सामान विककी तुलना में रोगपितरोधक कमताकम होती है.ऐसे में अतिरिक्त सावधानी व देखभाल की ज़रुरत है.यदि हम भारतीयों की रोगपितरोधक कमता का मुक़ाबला अन देशों से करते हैतो हम यह कह सकते है कि हमारे देशवासी अभी भी धूल,धुआँ और दूषित वातावरण रहने के लिए  है इसिलिए किसी भी तरह के वायरस और बैक्टैरिया से लड़ने के लिए ,हमारा शरीर बेहतर ढंग से काम करता हैजबिक प्रदूषण मुक्त  देशों के निवासियों  में यह कमता कम हो गयी है.

डॉकर संजीव चौबेजी, जो शंघाई (चीन) मेकायररत हैअपनेएक, टी., वी चैनल को दिए गये में जानकारी देते हुए कह रहे है कि चाइना में बीमारी, अपनी पाँचवी स्थिति  में पहँच गयी है.नए रीज़ की संखा घटकर तीन चार में पहँच गयी है आठ एिपल से देश अधिकारिक से अपने पुराने सरप में लौटकर सामाना करेगा.

भारत के विषय में उनका कहना है कि अभी से  अपने हाथ को रगड़कर धूल लें. इससे आप अपनी सुरक्षा कर सकेंगे. ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी का सेवन करें.

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