सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Coronavirus Whatsapp Users No Longer To Put 30 Second Video Whatsapp ने किया बड़ा बदलाव,



Coronavirus Whatsapp Users No Longer To Put 30 Second Video Whatsapp ने किया बड़ा बदलाव,
Coronavirus Whatsapp Users No Longer To Put 30 Second Video Whatsapp ने किया बड़ा बदलाव,



Coronavirus: अब स्टेटस में नहीं लगा सकेंगे 30 सेकेंड की वीडियो, Whatsapp ने किया बड़ा बदलाव,


Whatsapp ने किया बड़ा बदलाव,
देश में लॉकडाउन के चलते सभी लोग अपने घरों में हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से डाटा नेटवर्क पर बहुत दवाब पड़ा है। इस ही बीच इंस्टेंट मैसेंजिंग एप व्हाट्सएप ने डाटा पर पड़ते दवाब को ध्यान में रखकर स्टेटस वीडियो लिमिट को कम किया है। अब यूजर्स स्टेटस में केवल 15 सेकेंड की वीडियो ही अपलोड कर सकेंगे। इससे पहले यूजर्स 30 सेकेंड की वीडियो अपलोड कर सकते थे। वहीं, कंपनी का कहना है कि हमारे इस फैसले से डाटा नेटवर्क पर किसी तरह का दबाव नहीं पड़ेगा। साथ ही यूजर्स को स्लो-डाटा स्पीड जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।



व्हाट्सएप इस्तेमाल करने के समय में हुआ इजाफा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से व्हाट्सएप इस्तेमाल करने के समय में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। साथ ही इससे डाटा नेटवर्क पर भी दवाब पड़ा है। वहीं, दूसरी तरफ इन दिनों वीडियो स्ट्रीमिंग एप्स का उपयोग भी तेजी से बढ़ा है। लेकिन वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों ने कंटेंट की क्वालिटी को भी कम किया है, जिससे ज्यादा डाटा इस्तेमाल न हो सके।



वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर कम हुई कंटेंट की क्वालिटी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने ओटीटी कंपनियों को एचडी और एचडी प्लस कंटेट को मोबाइल नेटवर्क के जरिए स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसके बाद हॉस्टार, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और यूट्यूब जैसी वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों ने स्टैंडर्ड डेफिनेशन यानी एसडी में वीडियो दिखाने का फैसला लिया था। 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे