तू भी सादा है कभी चाल बदलता ही नहीं
हम भी सादा हैं इसी चाल में आ जाते हैं
- अफ़ज़ल ख़ान
जो उन मासूम आँखों ने दिए थे
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ
- फ़िराक़ गोरखपुरी
आदमी जान के खाता है मोहब्बत में फ़रेब
ख़ुद-फ़रेबी ही मोहब्बत का सिला हो जैसे
- इक़बाल अज़ीम
Fareb Shayari in Hindi
मेरे ब'अद वफ़ा का धोका और किसी से मत करना
गाली देगी दुनिया तुझ को सर मेरा झुक जाएगा
- क़तील शिफ़ाई
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी
- फ़िराक़ गोरखपुरी
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
- फ़ना निज़ामी कानपुरी
इक सफ़र में कोई दो बार नहीं लुट सकता
अब दोबारा तिरी चाहत नहीं की जा सकती
- जमाल एहसानी
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ज़ख़्म लगा कर उस का भी कुछ हाथ खुला
मैं भी धोका खा कर कुछ चालाक हुआ
- ज़ेब ग़ौरी
जिन की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिन के लिए बदनाम हुए
आज वही हम से बेगाने बेगाने से रहते हैं
- हबीब जालिब
समझा लिया फ़रेब से मुझ को तो आप ने
दिल से तो पूछ लीजिए क्यूँ बे-क़रार है
- लाला माधव राम जौहर
Dhoka Shayari Collection
किस ने वफ़ा के नाम पे धोका दिया मुझे
किस से कहूँ कि मेरा गुनहगार कौन है
- नजीब अहमद
अक्सर ऐसा भी मोहब्बत में हुआ करता है
कि समझ-बूझ के खा जाता है धोका कोई
- मज़हर इमाम
दिखाई देता है जो कुछ कहीं वो ख़्वाब न हो
जो सुन रही हूँ वो धोका न हो समाअत का
- फ़ातिमा हसन
धोका शायरी
वो धोके पे धोका दिए जाए लेकिन
ये दिल फिर भी उस की सिफ़ारिश करे है
- फ़ारूक़ रहमान
सारे राज़ समझो लो लेकिन ख़ुद क्यूँ उन को लब पर लाओ
धोका देने वाला रो दे ऐसी शान से धोका खाओ
- अहमद नदीम क़ासमी
Break up Shayri
जो लोग अभी तक नाम वफ़ा का लेते हैं
वो जान के धोके खाते, धोके देते हैं
- इब्न-ए-इंशा
धोका था निगाहों का मगर ख़ूब था धोका
मुझ को तिरी नज़रों में मोहब्बत नज़र आई
-शौकत थानवी