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Reading Shayari in Hindi, Shayari Collection


Reading Shayari in Hindi, Shayari Collection
Reading Shayari in Hindi, Shayari Collection


क्यूँ हिज्र के शिकवे करता है क्यूँ दर्द के रोने रोता है
अब इश्क़ किया तो सब्र भी कर इस में तो यही कुछ होता है

आग़ाज़-ए-मुसीबत होता है अपने ही दिल की शामत से
आँखों में फूल खिलाता है तलवों में काँटे बोता है

अहबाब का शिकवा क्या कीजिए ख़ुद ज़ाहिर ओ बातिन एक नहीं
लब ऊपर ऊपर हँसते हैं दिल अंदर अंदर रोता है

मल्लाहों को इल्ज़ाम न दो तुम साहिल वाले क्या जानो
ये तूफ़ाँ कौन उठाता है ये कश्ती कौन डुबोता है

क्या जानिए ये क्या खोएगा क्या जानिए ये क्या पाएगा
मंदिर का पुजारी जागता है मस्जिद का नमाज़ी सोता है

ख़ैरात की जन्नत ठुकरा दे है शान यही ख़ुद्दारी की
जन्नत से निकाला था जिस को तू उस आदम का पोता है

Top 4, Shayari Collections

हश्र में इंसाफ़ होगा बस यही सुनते रहो
कुछ यहां होता रहा है कुछ वहां हो जाएगा
- आग़ा हश्र काश्मीरी


हाथ छुड़ा कर जाने वाले
मैं तुझ को अपना समझा था
- ख़ालिद मोईन

मौत अंजाम-ए-ज़िंदगी है मगर
लोग मरते हैं ज़िंदगी के लिए
- अज्ञात

जाते जाते आप इतना काम तो कीजे मिरा
याद का सारा सर-ओ-सामां जलाते जाइए
- जौन एलिया

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