'आवाज़' पर कहे गए शेर...
मौत ख़ामोशी है चुप रहने से चुप लग जाएगी
ज़िंदगी आवाज़ है बातें करो बातें करो
- अहमद मुश्ताक़ के शेर...
ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है
वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है
- बशीर बद्र के शेर...
अल्फ़ाज़ परखता रहता है
आवाज़ हमारी तोल कभी
- गुलज़ार के शेर...
लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुश्बू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ
- बशीर बद्र के शेर...
बोलते रहना क्यूँकि तुम्हारी बातों से
लफ़्ज़ों का ये बहता दरिया अच्छा लगता है
- अज्ञात के शेर...
धीमे सुरों में कोई मधुर गीत छेड़िए
ठहरी हुई हवाओं में जादू बिखेरिए
- परवीन शाकिर के शेर...
छुप गए वो साज़-ए-हस्ती छेड़ कर
अब तो बस आवाज़ ही आवाज़ है
- असरार-उल-हक़ मजाज़ के शेर...
तू ने तो हर हाल में सुनना है अब तुझ को 'ज़फ़र'
रौशनी आवाज़ दे या तीरगी आवाज़ दे
- ज़फ़र इक़बाल के शेर...
देती रही आवाज़ पे आवाज़ ये दुनिया
सर हम ने न फिर ख़ाक की चादर से निकाला
- असलम महमूद के शेर...
कोई आया तिरी झलक देखी
कोई बोला सुनी तिरी आवाज़
- जोश मलीहाबादी के शेर...
लय में डूबी हुई मस्ती भरी आवाज़ के साथ
छेड़ दे कोई ग़ज़ल इक नए अंदाज़ के साथ
- अज्ञात के शेर...
शायरी में 'घर' का ज़िक्र...
पता अब तक नहीं बदला हमारा
वही घर है वही क़िस्सा हमारा
- अहमद मुश्ताक़
गुरेज़-पा है नया रास्ता किधर जाएँ
चलो कि लौट के हम अपने अपने घर जाएँ
- जमाल ओवैसी
सब कुछ तो है क्या ढूँडती रहती हैं निगाहें
क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता
- निदा फ़ाज़ली
अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ
शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या
- मुनीर नियाज़ी
कोई वीरानी सी वीरानी है
दश्त को देख के घर याद आया
- मिर्ज़ा ग़ालिब
तुम परिंदों से ज़ियादा तो नहीं हो आज़ाद
शाम होने को है अब घर की तरफ़ लौट चलो
- इरफ़ान सिद्दीक़ी
भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आया
घर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकला
- अलीम मसरूर
उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है
- कफ़ील आज़र अमरोहवी
दर-ब-दर ठोकरें खाईं तो ये मालूम हुआ
घर किसे कहते हैं क्या चीज़ है बे-घर होना
- सलीम अहमद
घर में क्या आया कि मुझ को
दीवारों ने घेर लिया है
- मोहम्मद अल्वी
Awaz shayari, awaz shayari in hindi, awaz shayari in urdu, teri aawaz shayari, aapki aawaz shayari, आवाज़ शायरी, आवाज शायरी इन हिंदी, आवाज़ शायरी इन उर्दू, तेरी आवाज़ शायरी, आपकी आवाज़ शायरी