सतर्क करते और हौसला देते शेर और पढ़े आज के टॉप 4 शेर
Best Hindi Hausla shayari collection And Today Top Shayari पढ़े आज के टॉप 4 शेर |
मस्जिद हो मदरसा हो कि मज्लिस कि मय-कदा
महफ़ूज़ शर से कुछ है तो घर है चले-चलो
- वहीद अख़्तर
ज़िंदगी को हौसला देने के ख़ातिर
ख़्वाहिशों को रेज़ा रेज़ा चुन रहा हूँ
- महफूजुर्रहमान आदिल
ऐ अदम के मुसाफ़िरो हुश्यार
राह में ज़िंदगी खड़ी होगी
- साग़र सिद्दीक़ी
Hausla Shayari,
इस लिए होशियार रहता हूँ
क्या ख़बर कब वो बे-ख़बर हो जाए
- अहमद महफ़ूज़
इस दर्जा होशियार तो पहले कभी न थे
अब क्यूँ क़दम क़दम पे सँभलने लगे हैं हम
- वाली आसी
सुना है शहर का नक़्शा बदल गया 'महफ़ूज़'
तो चल के हम भी ज़रा अपने घर को देखते हैं
-अहमद महफ़ूज़
उसी ने बख़्शा है मुझ को शुऊ'र जीने का
जो मुश्किलों की घड़ी बार बार आई है
- महफूजुर्रहमान आदिल
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो
हौसले मुश्किलों में पलते हैं
- महफूजुर्रहमान आदिल
ज़रा महफ़ूज़ रस्तों से गुज़रना
तुम्हारी शहर में शोहरत बहुत है
- अंजुम बाराबंकवी
Shayari Collection,
अपना घर फिर अपना घर है अपने घर की बात क्या
ग़ैर के गुलशन से सौ दर्जा भला अपना क़फ़स
- हीरा लाल फ़लक देहलवी
आज के टॉप 4 शेर
इतना भी ना-उमीद दिल-ए-कम-नज़र न हो
मुमकिन नहीं कि शाम-ए-अलम की सहर न हो
- नरेश कुमार शाद
ख़्वाब होते हैं देखने के लिए
उन में जा कर मगर रहा न करो
- मुनीर नियाज़ी
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर
- अज्ञात
नज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतें
साहिल पे इक शख़्स अकेला खड़ा हुआ
- मोहम्मद अल्वी