Bhid- bhad Per Shayari Collection |
'भीड़ भाड़ ' पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़
भीड़ तन्हाइयों का मेला है
आदमी आदमी अकेला है
- सबा अकबराबादी
हर तरफ़ फैला हुआ बे-सम्त बे-मंज़िल सफ़र
भीड़ में रहना मगर ख़ुद को अकेला देखना
- तुफ़ैल चतुर्वेदी
bheed se alag quotes in hindi
अपनी पहचान भीड़ में खो कर
ख़ुद को कमरों में ढूंढ़ते हैं लोग
- शीन काफ़ निज़ाम
आंखें कहीं दिमाग़ कहीं दस्त ओ पा कहीं
रस्तों की भीड़-भाड़ में दुनिया बिखर गई
- शीन काफ़ निज़ाम
भीड़ में ज़माने की हम सदा अकेले थे
वो भी दूर है कितना जो रग-ए-गुलू में है
- जामी रुदौलवी
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हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़
फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले
- वसीम बरेलवी
भीड़ में तन्हा रहने का
ज़हर हमेशा पीता हूँ
- मुजाहिद फ़राज़
bhid se alag shayari
दम निकले हुजूम-ए-ग़म में क्यूँ कर
कुछ भीड़ छटे तो रास्ता हो
- इमदाद अली बहर
कोशिशें ख़ुद ही करना पड़ती हैं
भीड़ में रास्ता नहीं होता
- इब्न-ए-मुफ़्ती
अनजाने लोगों को हर सू चलता फिरता देख रहा हूँ
कैसी भीड़ है फिर भी ख़ुद को तन्हा तन्हा देख रहा हूँ
- असरार ज़ैदी
Best Shayari Collection
आहटें सुन रहा हूं यादों की
आज भी अपने इंतिज़ार में गुम
- रसा चुग़ताई
bheed status in hindi
मैं रोना चाहता हूं ख़ूब रोना चाहता हूं मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूं मैं
- फ़रहत एहसास
बहुत अज़ीज़ थी ये ज़िंदगी मगर हम लोग
कभी कभी तो किसी आरज़ू में मर भी गए
- अब्बास रिज़वी
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इल्म की इब्तिदा है हंगामा
इल्म की इंतिहा है ख़ामोशी
- फ़िरदौस गयावी
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