सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Jokes Whatsapp Jokes Hindi Latest Joke Jokes Husband Wife Jokes Majedar Chutkule पढ़िए हिंदी जोक्स हिन्दीशायरी H पर


Jokes Husband Wife Jokes Majedar Chutkule
Jokes Husband Wife Jokes Majedar Chutkule 



टीचर: औरतें इतना खुश क्यों रह लेती हैं?...
पप्पू: ...क्योंकि उनकी पत्नी नहीं होती।
Hindi Jokes Teachers






लॉकडाउन के कारण पहली बार
 रेलवे की उस लड़की को छुट्टी मिली है जो.......
हमेशा बोलती रहती है, यात्रीगण कृपया ध्यान दें।
Lockdown Jokes





इस साल में शादी के कार्ड कुछ ऐसे छपेंगेभेज रहे हैं
 स्नेह निमंत्रण प्रियवर, केवल तुम्हें दिखाने को......
हे मानस के राजहंस, तुम आ मत जाना खाने को।






इस लॉकडाउन में इतना लूडो खेल लिया है कि......
अगर दुर्योधन के साथ खेलता तो अब तक आधा राज्य हड़प लेता। 









पप्पू एक लड़की को मोटी-मोटी बोलता था...
.
लड़की बोली - अगर अब मोटी कहा तो
ब्लॉक कर दूंगी...!
.
.
पप्पू - ब्लॉक कर देने से कौन सी
पतली हो जाएगी...!!!






पतिदेव - बाबाजी, सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मंत्र बताइए?
.
.
.
बाबाजी - बेटा, जब तक मुंह बंद और
पर्स खुला रहेगा, कृपा आती रहेगी...!!!






समय पर घर पहुंचो तो खाना गरम
और घरवाली ठंडी (शांत) मिलती है...
.
.
और...
.
देर से पहुंचे तो घरवाली गरम (गुस्सा)
और खाना ठंडा मिलता है...!!!






नारियल, दामाद और बहू...
.
अंदर से कैसे निकलेंगे...
.
.
ये कोई नहीं बता सकता...!!!









हमेशा 'स्पेशल' बन कर रहो...
.
अगर 'आम' बन गए तो...
.
अचार बना दिए जाओगे...!!!






स्त्रियों के दुख की सबसे बड़ी वजह...
.
अपनी औलाद को सुधारने के बजाय...
.
.
अपनी सास की औलाद को सुधारने
के चक्कर में पड़ी रहती हैं...!!!

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे