Shayari Collection Yaad अज़ीज़ की 'यादों' पर शायराना अल्फ़ाज़. |
ये हिजरतें हैं ज़मीन ओ ज़माँ से आगे की
जो जा चुका है उसे लौट कर नहीं आना
- आफ़ताब इक़बाल शमीम
एक रौशन दिमाग़ था न रहा
शहर में इक चराग़ था न रहा
- अल्ताफ़ हुसैन हाली
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जाने वाले कभी नहीं आते
जाने वालों की याद आती है
- सिकंदर अली वज्द
वे सूरतें इलाही किस मुल्क बस्तियाँ हैं
अब देखने को जिन के आँखें तरसतियाँ हैं
- मोहम्मद रफ़ी सौदा
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
- नासिर काज़मी
इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब
इतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम
- अहमद फ़राज़
आप के बा'द हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
- गुलज़ार
सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर
अब किसे रात भर जगाती है
- जौन एलिया
याद उस की इतनी ख़ूब नहीं 'मीर' बाज़ आ
नादान फिर वो जी से भुलाया न जाएगा
- मीर तक़ी मीर
जाते जाते आप इतना काम तो कीजे मिरा
याद का सारा सर-ओ-सामाँ जलाते जाइए
- जौन एलिया
जिस को तुम भूल गए याद करे कौन उस को
जिस को तुम याद हो वो और किसे याद करे
- जोश मलसियानी
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
- शकील बदायुनी
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा
आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई
- इक़बाल अशहर