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Tanhai shayari collection insaniyat famous shayari collection तन्हाई’ पर शायरों के अल्फ़ाज़

Tanhai shayari collection insaniyat famous shayari collection तन्हाई’ पर शायरों के अल्फ़ाज़
Tanhai shayari collection insaniyat famous shayari collection तन्हाई’ पर शायरों के अल्फ़ाज़



तन्हाई’ पर शायरों के अल्फ़ाज़ | आदमियत' पर कहे गए शेर...



आरज़ू टीस कर्ब तन्हाई
ख़ुद में कितना सिमट गया हूँ मैं
- अकमल इमाम


इक सफ़ीना है तिरी याद अगर
इक समुंदर है मिरी तन्हाई
- अहमद नदीम क़ासमी


जब भी फ़ुर्सत मिली हंगामा-ए-दुनिया से मुझे
मेरी तन्हाई को बस तेरा पता याद आया
- अलीना इतरत


कौन तन्हाई का एहसास दिलाता है मुझे
ये भरा शहर भी तन्हा नज़र आता है मुझे
- नूर जहाँ सरवत

पुकारा जब मुझे तन्हाई ने तो याद आया
कि अपने साथ बहुत मुख़्तसर रहा हूँ मैं
- फ़ारिग़ बुख़ारी


किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की
- फ़रहत एहसास

लज़्ज़त-ए-वस्ल से भी बढ़ के मज़ा आएगा
अपनी तन्हाई से दिल अपना लगा कर देखो
- शाद अमृतसरी


तन्हाई के लम्हात का एहसास हुआ है
जब तारों भरी रात का एहसास हुआ है
- नसीम शाहजहाँपुरी

बुझने दे सब दिए मुझे तन्हाई चाहिए
कुछ देर के लिए मुझे तन्हाई चाहिए
- अंजुम सलीमी


दरवाज़े पर पहरा देने
तन्हाई का भूत खड़ा है
- मोहम्मद अल्वी



आदमियत' पर कहे गए शेर...


नई मंज़िल नया जादू उजाला ही उजाला
दूर तक इंसानियत का बोल-बाला
- मोहम्मद अली असर

क्या-क्या ग़ुबार उठाए नज़र के फ़साद ने
इंसानियत की लौ कभी मद्धम न हो सकी
- अज्ञात

तुम्हारे पास सब है मैं नहीं हूँ
सिसकती आदमियत बोलती है
-माजिद अली काविश

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं
- सुदर्शन फ़ाख़िर

ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं
फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं
- बशीर बद्र

आदमी है तो आदमी ही रह
आदमियत को दाग़दार न कर
- सहर महमूद

ज़ेहन जाग उठता है रूह जाग उठती है
नक़्श आदमियत के जगमगाने लगते हैं
- कैफ़ी आज़मी
ऐ आसमान तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़
डरते हैं ऐ ज़मीन तिरे आदमी से हम
-अज्ञात

फ़रिश्ते से बढ़ कर है इंसान बनना
मगर इस में लगती है मेहनत ज़ियादा
- अल्ताफ़ हुसैन हाली

आदमिय्यत और शय है इल्म है कुछ और शय
कितना तोते को पढ़ाया पर वो हैवाँ ही रहा
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
बुरा बुरे के अलावा भला भी होता है
हर आदमी में कोई दूसरा भी होता है
- अनवर शऊर

ये भी कोई बात है हर वक़्त दौलत का ख़याल
आदमी हैं आप अगर तो आदमियत देखिए
- जोश मलीहाबादी




दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
- जाफ़र मलीहाबादी

कहानी लिखते हुए दास्ताँ सुनाते हुए
वो सो गया है मुझे ख़्वाब से जगाते हुए
- सलीम कौसर

अगरचे ज़ोर हवाओं ने डाल रक्खा है
मगर चराग़ ने लौ को संभाल रक्खा है
- अहमद फ़राज़

तुम ज़माने की राह से आए
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
- बाक़ी सिद्दीक़ी

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