2 Line Dagh dehlvi Shayari |
2 Line Dagh dehlvi Shayari मशहूर क्लासिक शायर दाग़ देहलवी के रूमानी शेर
हाथ रख कर जो वो पूछे दिल-ए-बेताब का हाल
हो भी आराम तो कह दूं मुझे आराम नहीं
dagh dehlvi ke sher,
हसरतें ले गए इस बज़्म से चलने वाले
हाथ मलते ही उठे इत्र के मलने वाले
dagh dehlvi ki shayari,
इस अदा से वो जफ़ा करते हैं
कोई जाने कि वफ़ा करते हैं
dagh dehlvi romantic sher,
चाह की चितवन में आँख उस की शरमाई हुई
ताड़ ली मज्लिस में सब ने सख़्त रुस्वाई हुई
दाग़ देहलवी शायरी,
राह पर उन को लगा लाए तो हैं बातों में
और खुल जाएँगे दो चार मुलाक़ातों में
दाग़ देहलवी की शायरी
शब-ए-वस्ल ज़िद में बसर हो गई
नहीं होते होते सहर हो गई
छेड़ माशूक़ से कीजे तो ज़रा थम थम कर
रोज़ के नामा ओ पैग़ाम बुरे होते हैं
दाग़ देहलवी के शेर,
शब-ए-वस्ल की क्या कहूँ दास्ताँ
ज़बाँ थक गई गुफ़्तुगू रह गई
देखना हश्र में जब तुम पे मचल जाऊँगा
मैं भी क्या वादा तुम्हारा हूँ कि टल जाऊँगा
hindi dagh dehlvi shayari
उधर शर्म हाइल इधर ख़ौफ़ माने
न वो देखते हैं न हम देखते हैं