Best Parenday Shayari परिंदों पर कहे शायरों के शायरी Hindi shayarih
देख कर इंसान की बेचारगी
शाम से पहले परिंदे सो गए
- इफ़्फ़त ज़र्रीं
परिंदा पर शायरी,
परिंद शाख़ पे तन्हा उदास बैठा है
उड़ान भूल गया मुद्दतों की बंदिश में
- खलील तनवीर
मिरे हालात को बस यूँ समझ लो
परिंदे पर शजर रक्खा हुआ है
- शुजा ख़ावर
परिंदा शायरी
हमें हिजरत समझ में इतनी आई
परिंदा आब-ओ-दाना चाहता है
- ओबैदुर रहमान
बैठे थे जब तो सारे परिंदे थे साथ साथ
उड़ते ही शाख़ से कई सम्तों में बट गए
- साग़र आज़मी
परिंदा शेर,
कुछ एहतियात परिंदे भी रखना भूल गए
कुछ इंतिक़ाम भी आँधी ने बदतरीन लिए
- नुसरत ग्वालियारी
सब के सो जाने पे अफ़्लाक से क्या कहता है
रात को एक परिंदे की सदा सुनता हूँ
- मनमोहन तल्ख़
parinda par sher,
सूरज लिहाफ़ ओढ़ के सोया तमाम रात
सर्दी से इक परिंदा दरीचे में मर गया
- अतहर नासिक
अजीब दर्द का रिश्ता था सब के सब रोए
शजर गिरा तो परिंदे तमाम शब रोए
- तारिक़ नईम
Parinda sher,
आशियानों में न जब लौटे परिंदे तो 'सदीद'
दूर तक तकती रहीं शाख़ों में आँखें सुब्ह तक
- अनवर सदीद