सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

गरमी में फल खाने से बॉडी रहेगी फिट, जानें किस फल से क्या है फायदा Garmi main Fruit Khane Se Body Rahegi Fit Jane Kis Fruit

Garmi main Fal Khane Se Body Rahegi Fit Jane Kis Fal
Garmi main Fruit Khane Se Body Rahegi Fit 

 

गरमी में फल खाने से बॉडी रहेगी फिट, जानें किस फल से क्या है फायदा
इसे खाने से विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम, कैलोरी, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, मैगनीज, कॉपर, जिंक, प्रोटीन और विटामिन बी1 तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं.






फलों में स्वास्थ्य के लिए सब से महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. ये पोषक तत्व बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. फलों के सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर बनती है. आइए, आज जानते हैं किस फल के सेवन से क्या लाभ होता है…




1 आम
इस में एंटी ऑक्सीडेंट्स होता है. यह शरीर में बनने वाले फ्री रैडिकल्स को रोकता है, जिस से कोलोन, ब्रैस्ट, प्रोस्टेट आदि कैंसर से बचा जा सकता है. यह टारटरिक, मैलिक और साइट्रिक एसिड से भरपूर होता है. ये शरीर के क्षारीय तत्व को बनाए रखने में मदद करते हैं. इस में मौजूद ग्लूटामिन एसिड याददाश्त को बढ़ाता है.





2 संतरा
इस में पोटैशियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिस से ब्लडप्रेशर कंट्रोल रहता है. संतरे में फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में सहायक है. इस में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो संक्रमण से बचा कर  रखते हैं. संतरे में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है.




 

3 पपीता
इस में पैपेन एंजाइम व बीटा कैरोटीन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया को चुस्तदुरुस्त बनाने में मदद करते हैं. इसे खाने से कैंसर से भी बचा जा सकता है, क्योंकि इस में बीटा कैरोटीन नामक तत्व पाया जाता है. पीलिया के रोगी को प्रतिदिन एक पका पपीता खाना चाहिए.





4 सेब
इसे खाने से विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम, कैलोरी, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, मैगनीज, कॉपर, जिंक, प्रोटीन और विटामिन बी1 तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं. एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नियमित सेब खाने से हम कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचे रहते हैं. इस के नियमित सेवन से कई विषनाशक पदार्थ जैसे शीशा, पारा आदि शरीर से बाहर निकल जाते हैं. लाल सेब में क्वेरसेटिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है.





5 केला
इस में कैरोटिनॉइड यौगिक पाया जाता है, जिस से अंधेपन का खतरा दूर होता है. इस में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं, जो पाचनक्रिया को बेहतर बनाते हैं. इस में पोटैशियम पाया जाता है, जो रक्त संचार को ठीक और दिमाग को चुस्त और अलर्ट रखता है. केला विटामिन B6 का एक बढ़िया स्रोत है, जो नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है.




 

6 नाशपाती
नाशपाती में फाइबर का खजाना होता है. फाइबर की वजह से पाचनतंत्र मजबूत रहता है. इस में मिलने वाला पैक्टिन नामक तत्व कब्ज से राहत दिलाता है. इस में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो हीमोग्लोबिन के लेबल को बढ़ाता है. इस में कुछ ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करते हैं. इस में एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिस से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर बनती है.





7 अनानास
इस का रस या शर्बत पीने से तेज गर्मी व पसीने की समस्या दूर होती है. अनानास को छील कर उस के छोटेछोटे टुकड़े कर के खाने से पित्त विकार दूर होते हैं.  रोजाना अनानास का रस पीने से मोटापा कम होता है, क्योंकि अनानास का रस चर्बी को पिघलाता है. अनानास का रस गले तथा मुंह के जीवाणु जन्य रोगों में लाभकारी सिद्ध होता है. यह हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है.






8 अंगूर
कुछ समय तक लगातार अंगूर के रस का सेवन करने से माइग्रेन की समस्या से काफी राहत मिलती है. इस का सेवन हाईब्लड प्रेशर में काफी लाभदायक होता है. अंगूर में ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. टीबी, कैंसर और ब्लड-इंफेक्शन जैसी बीमारियों में यह फायदेमंद होता है.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे