चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा,
या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा !
~अज्ञात
ज़रा रहने दो अपने दर पे हम ख़ाना-ब-दोशों को
मुसाफ़िर जिस जगह आराम पाते हैं ठहरते हैं
~लाला माधव राम जौहर
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
~बशीर बद्र
कुछ टूटे फटे सीने को साथ अपने सफ़र में
क्या वो भी मुसाफ़िर जो न रक्खे सुई तागा
~मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को
कितना सफ़र हुआ है कितना सफ़र रहा है
~शहरयार
दिन में परियों की कोई कहानी न सुन
जंगलों में मुसाफ़िर भटक जाएँगे
~बशीर बद्र
ऐ अदम के मुसाफ़िरों होशियार
राह में ज़िंदगी खड़ी होगी
~साग़र सिद्दीक़ी
मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर हर तरफ़ हैं
मगर हर शख़्स तन्हा जा रहा है
~अहमद नदीम क़ासमी
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की
~बशीर बद्र
गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही मुसाफ़िरों की तरह,
यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं, रुके रास्तों की तरह
~अज्ञात
'रास्तों' पर कहे गए 10 बेहतरीन शेर...
तू कभी इस शहर से हो कर गुज़र
रास्तों के जाल में उलझा हूँ मैं
- आशुफ़्ता चंगेज़ी
क्यूँ चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो
तन्हा हूँ आज मैं ज़रा घर तक तो साथ दो
- आदिल मंसूरी
तेरा अपना रास्ता था मेरा अपना रास्ता
इस पे भी ऐ ज़िंदगी तुझ को बसर मैं ने किया
- सिद्दीक़ शाहिद
वो क्या मंज़िल जहाँ से रास्ते आगे निकल जाएँ
सो अब फिर इक सफ़र का सिलसिला करना पड़ेगा
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
सफ़र का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है
- शहबाज़ ख़्वाजा
कटी हुई है ज़मीं कोह से समुंदर तक
मिला है घाव ये दरिया को रास्ता दे कर
- अदीम हाशमी
न साथी है न मंज़िल का पता है
मोहब्बत रास्ता ही रास्ता है
- असद भोपाली
सोचते रहने से तो मंज़िल कभी मिलती नहीं
चलते जाओ रास्ते से रास्ता मिल जाएगा
- बाक़ी अहमदपुरी
दिलचस्प हो गई तिरे चलने से रहगुज़र
उठ उठ के गर्द-ए-राह लिपटती है राह से
- जलील मानिकपूरी
रास्ते कहां ख़त्म होते हैं ज़िंदग़ी के सफ़र में,
मंज़िल तो वहां है जहां ख्वाहिशें थम जाएं।
-अज्ञात
मैं ख़ुद ही अपने तआक़ुब में फिर रहा हूँ अभी
उठा के तू मेरी राहों से रास्ता ले जा
- लुत्फ़ुर्रहमान
उस की और मंज़िल है मेरी और मंज़िल है
शैख़ से 'फ़िगार' अपना रास्ता नहीं मिलता
-फ़िगार उन्नावी
फ़ासले ही फ़ासले थे मंज़िलें ही मंज़िलें
हम-सफ़र कोई न था और रहनुमा कोई न था
-अज्ञात