Netflix Betaal Official Trailer Review: भूत प्रेतों और जिन्नात की धरती पर शाहरुख लेकर आए जॉम्बीज, बेताल के बदले मायने
Netflix Betaal Official Trailer Review | Pankaj Shukla Vineet Kumar Aahana Kumra Suchitra Pillai Shahrukh Khan |
Trailer Review: बेताल
कलाकार: विनीत कुमार, आहना कुमरा, जितेंद्र जोशी, सुचित्रा पिल्लई आदि।
निर्देशक: पैट्रिक ग्राहम, निखिल महाजन
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
रेटिंग: **
Netflix Betaal Official Trailer Review शाहरुख खान के लिए ये संकट काल चल रहा है। नेटफ्लिक्स ने उनको बार्ड ऑफ ब्लड बनाने को दिया। शाहरुख की टीम ने वहां लोचा कर दिया। अब बारी बेताल की है। विक्रम बेताल वाले राजा विक्रम सिंह के नौ रत्नों में शामिल रहा बेताल यहां खुद शाहरुख खान की ट्वीट के हिसाब से डेमन है। राक्षस है। यहां तक तो ठीक है लेकिन ट्रेलर में ये जॉम्बी है। बेताल और जॉम्बी में फर्क समझने के लिए रेड चिलीज के सीईओ गौरव वर्मा को कश्मीर के सोमदेव भट्टराव की लिखी कथा सरित्सागर पढ़नी चाहिए। इसी सागर में गोता लगाती मिलती हैं बेताल पचीसी की वे कहानियां, जिनमें बेताल के शक्ति, सामर्थ्य और श्राप का पता चलता है।
शाहरुख का बेताल उधार का है। नेटफ्लिक्स इतना बड़ा प्लेटफॉर्म है फिल्मों और वेब सीरीज का कि इसके रिंग में उतर कोई विदेशी दांव से देसी दर्शकों को लुभा नहीं सकता। जिन्नात और भूत प्रेतों वाली धरती पर घोस्ट तक रामसे बंधुओं ने देसी बना लिए थे। और, यहां एक सीरीज 2020 के छत्तीसगढ़ में हॉरर क्रिएट करने के लिए आमिर खान की लगान के दिनों की कहानी ले आई है। कमाल है।
शाहरुख खान की ब्रांडिंग पर बार्ड ऑफ ब्लड और बेताल का ट्रेलर कितना असर डाल सकते हैं, उनको शायद अंदाजा हो न हो पर नेटफ्लिक्स की टीम को हो चुका है। नेटफ्लिक्स भी चाहने लगा है कि बेताल के बारे में जब भी लिखा जाए तो सिर्फ शाहरुख खान के नाम का ही गाना न बजे। नेटफ्लिक्स की टीम चाहती है कि इसमें उन दो प्रोडक्शन हाउस का नाम भी डाला जाए जिन्होंने असल में ये सीरीज बनाई है।
नेटफ्लिक्स ने ट्रेलर में डाला भी है फ्रॉम द मेकर्स ऑफ गूल, गेट आउट, बार्ड ऑफ ब्लड। अरबी में गूल का मतलब होता है एक ऐसा साया जो कब्रों से लाशें निकाल कर खाता है। बेताल में यही गूल लौट आया है अंग्रेज अफसर की शक्ल में। ट्रेलर की शुरूआत होती है एक स्थानीय कबीले में चल रही पूजा से जिसमें पुजारी बता रहा है कि बाहरी लोग हमसे हमारे पहाड़ छीनने आ रहे हैं। फिर शव हैं। श्राप है। साया है और हैं जिंदा लोगों से लड़ने के लिए लौटती लाशें।
हिंदी सिनेमा में वीभत्स रस का ठेका बरसों तक रामसे ब्रदर्स के पास रहा है। श्रृंगार रस के रसिया शाहरुख खान ये सब क्यों बना रहे हैं, वह ही जानें। आम हिंदी दर्शक तो शाहरुख का नाम सुनते ही बहुत खराब इंसान कुछ सोच सकता है तो डर, बाजीगर या अंजाम तक जा सकता है। ये जिंदा लाशें, रामसे के लिए ही ठीक हैं। शाहरुख तो ऐसे नहीं थे। ट्रेलर गुड से एक प्वाइंट कम है लेकिन शाहरुख के डॉयलॉग के हिसाब से वेब सीरीज अभी बाकी है। अगर सीरीज ट्रेलर से बेहतर न हुई तो रेड चिलीज की ब्रांडिंग के लिए ये खतरे की घंटी साबित होगी।