अं-धेरे में उजाला भरते हुए शेर
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
- माहिर-उल क़ादरी
Positive lock-down shayari
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं
मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है
- अमीर क़ज़लबाश
यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है
हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है
- मंज़ूर हाशमी
hindi positive lock-down shayari
सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का
यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का
- शहरयार
बुज़ुर्ग कहते थे इक वक़्त आएगा जिस दिन
जहां पे डूबेगा सूरज वहीं से निकलेगा
-राहत इंदौरी
इन अंधेरों से ही सूरज कभी निकलेगा 'नज़ीर'
रात के साए ज़रा और निखर जाने दे
- नज़ीर बाक़री
Latest hindi positive lock-down shayari
सूरज को निकलना है सो निकलेगा दोबारा
अब देखिए कब डूबता है सुब्ह का तारा
- अहमद नदीम क़ासमी
घबराएं हवादिस से क्या हम जीने के सहारे निकलेंगे
डूबेगा अगर ये सूरज भी तो चाँद सितारे निकलेंगे
- अलीम मसरूर
Positive lock-down shayari in hindi
बदन कजला गया तो दिल की ताबानी से निकलूँगा
मैं सूरज बन के इक दिन अपनी पेशानी से निकलूँगा
- ज़फ़र गोरखपुरी