सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Sana Khan | Reply When A Trolled Was Trying To Troll Her In Ramadan रमजान में सना खान को ट्रोल करने की कोशिश कर रहा था शख्स | अभिनेत्री के जवाब से बोलती हुई बंद

Sana Khan | Reply When A Trolled Was Trying To Troll Her In Ramadan   





बिग बॉस फेम और एक्ट्रेस सना खान अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। इन दिनों वो रमजान के इस पवित्र महीने में ज्यादातर वक्त इबादत करने में बिता रही हैं। हाल ही में सना ने अपने इंस्टाग्राम से एक तस्वीर शेयर की। इस पर एक शख्स ने उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की तो अभिनेत्री ने अपने जवाब से उसकी बोलती बंद कर दी।




सना अपनी इस तस्वीर में ऊपर वाले से  दुआ मांगती हुई नजर आ रही हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए सना ने लिखा, 'मैं इस क्षण को केवल और केवल शब्दों में बयां कर सकती हूं कि मैंने वहां कैसा महसूस किया। सबकुछ मेरे दिल में हैं और मन अभी वहां जाने और सुजूद में सर रखकर पश्चाताप करूं। अल्लाह हम सबको अपने घर जाने का मौका दें और सबको नेक हिदायत दे। अमीन सुम्मा आमीन। हम सभी इस रमजान में जाने के लिए बहुत उत्साहित थे, लेकिन मुझे लगता है कि अल्लाह के पास बेहतर योजनाएं थीं। भीड़ के बीच इस खूबसूरत क्लिक को पाने के लिए मैं भाग्यशाली थी।'






सना खान की इसी पोस्ट पर एक यूजर ने उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की। उसने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा, 'ये बताओ हज करने के बाद वजह तुम हो जिस्म फरोशी कैसे कर ली। शर्म नहीं आई?' यूजर से इस कमेंट पर सना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।


कमेंट 

इस कमेंट पर जवाब देते हुए सना ने लिखा, 'अभी तक मेरे हज नहीं हुए है, मुझे लगता है आपको पता नहीं, या घर में बताया नहीं या आपने जानने की कोशिश नहीं की। रमजान में सिर्फ उमराह होता है मेरे भाई। पहले ये सीख लो और समझ लो फिर दूसरी चीजों पे तवज्जों देना। क्योंकि ये ज्यादा जरूरी है।'





बीते दिनों सना खान का उनके ब्वॉयफ्रेंड मेलविन लुईस से ब्रेकअप हो गया था। सना ने मेल्विन पर मारपीट करने के अलावा और भी कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। सना ने खुलासा किया था कि मेलविन उन्हें सलमान खान से दूर रखना चाहते थे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...