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Shayaro Ke Dwara Fasl Par Kahe Gaye Sher शायरों के द्वारा फ़ासलों' पर कहे गए शेर...

Shayaro Ke Dwara Fasl Par Kahe Gaye Sher शायरों के द्वारा फ़ासलों' पर कहे गए शेर...
Shayaro Ke Dwara Fasl Par Kahe Gaye Sher


शायरों के द्वारा फ़ासलों' पर कहे गए शेर...

क़ुर्बतें लाख ख़ूब-सूरत हों 
दूरियों में भी दिलकशी है अभी 
- अहमद फ़राज़


Fasle shayari in hindi, 
दूरी हुई तो उस के क़रीं और हम हुए 
ये कैसे फ़ासले थे जो बढ़ने से कम हुए 
- अज्ञात


मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती 
हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए 
- ख़ालिद मोईन

Dooriyan shayri in hindi, 
भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले 
न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई 
- बशीर बद्र

बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी 
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला 
- बशीर बद्र


 yeh faasle shayari, 
वो नहीं आएगा इस महफ़िल में
दूर ही दूर से सुनता होगा
- जमीलुद्दीन आली

मसअला ये है कि उस के दिल में घर कैसे करें 
दरमियाँ के फ़ासले का तय सफ़र कैसे करें 
- फ़र्रुख़ जाफ़री

फ़ासले ऐसे कि इक उम्र में तय हो न सकें 
क़ुर्बतें ऐसी कि ख़ुद मुझ में जनम है उस का 
- बाक़र मेहदी



फासला शायरी,
उसे ख़बर है कि अंजाम-ए-वस्ल क्या होगा 
वो क़ुर्बतों की तपिश फ़ासले में रखती है 
- ख़ालिद यूसुफ़

कितने शिकवे गिले हैं पहले ही 
राह में फ़ासले हैं पहले ही 
- फ़ारिग़ बुख़ारी

जो पहले रोज़ से दो आँगनों में था हाइल 
वो फ़ासला तो ज़मीन आसमान में भी न था 
- जमाल एहसानी

फासले शायरी इन हिंदी,








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