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2 Line Asad Bhopali Selected Shayari असद भोपाली की हिंदी शायरी


आप सभी के लिए Asad Bhopali हिंदी शायरी - Hindi Shayarih



असद भोपाली की हिंदी शायरी
Asad Bhopali Selected Shayari




इक आप का दर है मिरी दुनिया-ए-अक़ीदत
ये सज्दे कहीं और अदा हो नहीं सकते


न साथी है न मंज़िल का पता है
मोहब्बत रास्ता ही रास्ता है

हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे
अब ज़िंदगी से ज़िंदगी महरूम हो गई


ऐसे इक़रार में इंकार के सौ पहलू हैं
वो तो कहिए कि लबों पे न तबस्सुम आए

इश्क़ को जब हुस्न से नज़रें मिलाना आ गया
ख़ुद-ब-ख़ुद घबरा के क़दमों में ज़माना आ गया


ग़ुंचा ओ गुल माह ओ अंजुम सब के सब बेकार थे
आप क्या आए कि फिर मौसम सुहाना आ गया

गिरां गुज़रने लगा दौर-ए-इंतिज़ार मुझे
ज़रा थपक के सुला दे ख़याल-ए-यार मुझे


बस आ भी जाओ बदल दें हयात की तक़दीर
हमारे साथ ज़माने का फ़ैसला होगा

तुम दूर हो तो प्यार का मौसम न आएगा
अब के बरस बहार का मौसम न आएगा


जब अपने पैरहन से ख़ुशबू तुम्हारी आई
घबरा के भूल बैठे हम शिकवा-ए-जुदाई






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