Sachchai Shayari |
शीशे पर शायरी 10 चुनिंदा शेर...
इस दौरे-मुंसिफी में जरूरी नहीं वसीम
जिस शख्स की खता हो उसी को सजा मिले
-वसीम बरेलवी
सच्चाई शायरी हिंदी
नक्शा उठा के और कोई शहर देखिए
इस शहर में तो सब से मुलाकात हो गई
-निदा फाजली
गम बयां करने का कोई और ढंग ईजाद कर
तेरी आंखों का यह पानी तो पुराना हो गया
-वसीम बरेलवी
Sachchai shayari,
जिसको बड़ा गरूर था अपने वजूद पर
वो आफताब शाम की चौखट पे मर गया
-शाहिद सागरी
तुम अपने बारे में कुछ देर सोचना छोड़
तो मैं बताऊं कि तुम किस कदर अकेले हो
-वसीम बरेलवी
Zindagi shayari hindi,
ऐ जिंदगी वो कौन सा लम्हा था जिसके बाद
हम कहकहा-मिजाज भी संजीदा हो गए
-मौज
फैसला होता है नेकी-ओ-बदी का हर दम
दिल को इस सीने में छोटी से अदालत समझो
-शाद अजीमाबादी
Zindagi ki haqiqat shayari,
कमजोर हुए अश्कों से घर के दरो-दीवार
रोने के लिए लेंगे किराए का मकां और
-रियाज खैराबादी
हम खुश हैं हमे धूप विरासत में मिली है
अजदाद कहीं पेड़ भी कुछ बो गए होते
-शहरयार
zindagi shayari,
बाजी बदी थी उसने मेरे चश्मे-तर के साथ
आखिर को हार हार के बरसात रह गयी
-मीर दर्द