सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

If You Want To Gain Weight Eat These Foods Daily दुबलेपन से पाना चाहते हैं निजात, तो इन चीज़ों का रोजाना सेवन करें

दुबलेपन से पाना चाहते हैं निजात, तो इन चीज़ों का रोजाना सेवन करें
Weight Gain, दुबलेपन से पाना चाहते हैं निजात, तो इन चीज़ों का रोजाना सेवन करें

lifestyle,health,Weight Gain, Weight Gain Tips, Weight Gain Diet, वजन कैसे बढ़ांए, मोटा होने के उपाय,Lifestyle and Relationship,Health and Medicine health lifestyle hindi news,


लाइफस्टाइल डेस्क। कुछ लोग मोटापे से परेशान हैं तो कुछ लोग दुबलेपन से परेशान हैं। बढ़ते वजन को कम करने के कई तरीके हैं, लेकिन वजन बढ़ाने का एक ही तरीका आपकी डाइट है। आपको वजन बढ़ाने के लिए कुछ विशेष करने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपनी डाइट नियमित और संतुलित लें। इसके लिए आप अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त चीज़ों को जोड़ें, जिनके सेवन से वजन जल्दी बढ़ने लगता है। अगर आप भी दुबलेपन से परेशान हैं और वजन बढ़ाना चाहते हैं तो इन चीज़ों का रोजाना सेवन करें-

दूध और सूखे फलों का सेवन करें

रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुने गर्म दूध में खजूर और किशमिश को उबाल लें। अब इसे ठंडा कर पिएं। आपको एक महीने में असर दिखने लगेगा। आप चाहे तो किशमिस-दूध या फिर दूध और खजूर का भी सेवन कर सकते हैं।

सोयाबीन का सेवन करें

सोयाबीन में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो सोयाबीन में अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक प्रोटीन होता है। ऐसे में सोयाबीन दुबलेपन में बेहद फायदेमंद होता है। आप सोयाबीन को किसी भी रूप में खा सकते हैं।






नॉन वेज का सेवन करें

अगर आपको नॉन वेज से कोई परहेज नहीं है तो आप चिकन और अंडे का सेवन कर सकते हैं। खासकर चिकन ब्रेस्ट दुबलेपन को दूर करने में बहुत मददगार होता है, क्योंकि इसमें फैट नहीं होता है। साथ ही हर एक चिकन ब्रेस्ट डिश प्लेट में 78 कैलोरीज़ होती है। जबकि आप अंडे और दूध का भी रोजाना नाश्ते में सेवन कर सकते हैं।

बीन्स जरूर खाएं

इसमें प्रोटीन और फाइबर अधिक मात्रा में होता है। इसके सेवन से जल्द ही दुबलेपन से निजात मिलता है। आप अपनी डाइट में बीन्स को जरूर जोड़ें।

केले का सेवन करें

एक केले में 100 कैलोरीज़ होती है। इसलिए केला दुबलेपन को दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है। आप रोजाना 6 केले जरूर खाएं। इससे आपको रोजाना तकरीबन 600 कैलोरीज़ प्राप्त होगी।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे