सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Jokes Majedar Whatsapp Jokes Chutkule Facebook Jokes Hindi Funny Jokes पढ़िए मजेदार जोक्स

कुछ लोग तो इतनी शराब पी लेते हैं कि... पढ़िए मजेदार जोक्स
कुछ लोग तो इतनी शराब पी लेते हैं कि... पढ़िए मजेदार जोक्स




कुछ लोग तो इतनी शराब पी लेते हैं कि... पढ़िए मजेदार जोक्स जोक्स इन हिंदी, हिंदी चुटकुले, teacher student jokes, funny jokes, boyfriend girlfriend jokes, very funny jokes, santa banta jokes, best funny jokes, hindi jokes for whatsapp, hindi jokes, husband wife jokes in hindi, जोक्स, हिंदी जोक्स, Humour News in Hindi, Humour News in Hindi, Humour Hindi News



कुछ लोग तो इतनी शराब पी लेते हैं कि...
.
.
मच्छर भी उनका खून पी लेने के बाद...
.
लड़खड़ाने लगते हैं...!!!

 







औरत ही औरत की दुश्मन होती है...
.
विश्वास न हो तो...
.
अपनी गर्लफ्रेंड को अपनी...
.
बीवी से मिलवा कर देख लो...!!!













पत्नी ने पति को एक जोर का तमाचा मार दिया...
.
पति तिलमिला उठा और पूछा-
मैंने क्या गलती की?
.
.
पत्नी - तुम कोई गलती करो, उसके लिए
मैं इंतजार थोड़े ही करती रहूंगी...!!!



 





पत्नी - आप जो मुझे नाम लेकर बुलाते हैं, इस कारण
बच्चे भी अब मुझे नाम लेकर बुलाने लगे हैं!
.
.
पति - अच्छा... तो कल से मैं तुम्हें
मम्मी कहकर बुलाऊंगा...!!!







 






कहते हैं कि आदमी गलती करके ही सीखता है...
.
.
कृपया ध्यान दीजिए...
.
सिर्फ आदमी... औरतें नहीं...!!!









पता नहीं लोग पहली नजर में सच्चा प्यार...
.
कैसे ढूंढ लेते हैं...
.
.
यहां तो आधे-आधे घंटे तक...
.
सेल्लो टेप का किनारा ही नहीं मिल पाता...!!!

 











सबको खुश रखना जिंदा मेंढकों को...
.
तराजू से तौलने जैसा मुश्किल काम है...
.
एक को बैठाओ तो...
.
दूसरा कूद जाता है...!!!




 
okes, funny hindi jokes, husband wife jokes, girlfriend boyfriend jokes, jokes in hindi, jokes in hindi for whatsapp, latest jokes in hindi, latest whatsapp joke in hindi, hindi chutkule, chutkule, chutkule in hindi, hindi chutkule hd,

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...