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Sawan Shayari In Hindi 2020 Sawan Ka Mahina सावन का मौसम और सावन Shayari

सावन का मौसम और सावन Shayari
 Sawan Ka Mahina


Sawan Ka Mahina सावन का मौसम और सावन Shayari



Sawan Shayari In Hindi 2020 सावन का मौसम और बारिश बनके सावन कहीं वो बरसते रहे.Sawan, sawan ka mahina 2020, इक घटा के लिए हम तरसते रहे.Sawan ka mahina,  sawan start 2020, सावन महीने की शायरी, सावन हिन्दी शायरी, सावन के झूले शायरी, Sawan Shayari सावन आया है शायरी, सावन की बरसात शायरी, सुहाना मौसम Sawan शायरी, सावन शायरी इन हिंदी सावन महीने की शायरी Sawan Shayari.




अब के सावन में...


अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
- गोपालदास नीरज


कल तिरे एहसास की बारिश तले
मेरा सूना-पन नहाया देर तक
- नीना सहर


 Sawan sayari hindi
 
रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है
- जुनैद हज़ीं लारी


सावन एक महीने 'क़ैसर' आँसू जीवन भर
इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे
- क़ैसर-उल जाफ़री



बरस रही थी बारिश...


बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में
- नज़ीर क़ैसर


तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे
- जमाल एहसानी

जो गुजरे इश्क में...

जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं
- अज्ञात


क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें;
खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे
- अज्ञात



पतझड़ दिया था...

पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया
- अज्ञात


जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया
- अज्ञात


सावन महीने की शायरी, 


फूल से दोस्ती करोगे तो महक जाओगे;
सावन से दोस्ती करोगे तो भीग जाओगे;

हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे;
और नहीं करोगे तो किधर जाओगे।





अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई.



सावन की बरसात शायर

पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे..
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया…!!





मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है…
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है


सावन आया है शायरी,

तेरा उलझा दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,

यू यकायक मुझे बरसात की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.


सावन महीने की शायरी, 


रोक कर बैठे हैं कई समंदर आँखों में
दगाबाज़ हो सावन तो क्या…
हम खुद ही बरस लेंगे…



सावन हिन्दी शायरी

जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया…

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